दो अप्रैल से हिंदू नव वर्ष का आरंभ होने जा रहा है। संवत्सर 2079 के राजा शनि और मंत्री बृहस्पति होंगे। समय का वास माली के घर रहेगा। इसके इस वर्ष पर्याप्त वर्षा के संकेत हैं। संवत 2079 का नाम नल है। नल नामक संवत्सर का फलादेश शास्त्रों में इस प्रकार कहा गया है-’नलाब्दे मध्य सस्यार्घ वृष्टिभि:प्रवराधरा।। नृपसंक्षोभ संजाता भूरि तस्करभीतय:।
अर्थात नल संवत्सर में अन्न आदि का उत्पादन मध्यम रहेगा। वर्षा पर्याप्त होगी। वर्षा से पृथ्वी शस्य श्यामला बनेगी, किंतु नेताओं में परस्पर वैमनस्य बढ़ेगा। असामाजिक तत्व अव्यवस्था फैलाने में लगे रहेंगे। संवत 2079 के राजा शनि होने के साथ-साथ धन, फसल और जल के महत्वपूर्ण पद भी रहेंगे। यह अपनी मर्जी से काम करेंगे।
अति वर्षा, आंधी, तूफान और भूकंप के यदा-कदा योग बनेंगे और प्रत्येक मास में मौसम खराब रहेगा। गुरु मंत्री होने से पृथ्वी पर देव शक्तियों का उत्थान होगा। रोजगार पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होंगे। वर्षा काफी होगी। राजा-प्रजा अपनी धर्म पालन में तत्पर रहेंगे, किंतु शनि और गुरु का राजा एवं मंत्री का योग परस्पर द्वंद बना रहेगा। इसलिए आपाधापी एवं मारामारी लगातार बनी रहेगी।
इस वर्ष समय का निवास माली के घर में है। जब समय का वास माली के घर में होता है तो पृथ्वी पर उत्तम वर्षा से कृषि कार्यों में पर्याप्त उन्नति होती है। दो अप्रैल को प्रातः 6:14 पर नए संवत का आगाज होगा। यद्यपि एक अप्रैल 2022 को 11:53 बजे प्रतिपदा आ जाएगी, किंतु सूर्य उदय के समय जो दिन होता है उसे इसी वर्ष का प्रथम दिवस और राजा माना जाता है और वही उस वर्ष के राजा होते हैं।
देश के लि ऐसा रहेगा संवत 2079
दो अप्रैल से आरंभ होने वाले भारतीय नव संवत्सर 2079 के समय प्रातः मीन लग्न में तीन ग्रहों का योग बन रहा है। ग्याहरवें भाव में शनि और मंगल अपनी स्वराशि एवं उच्च राशि में स्थित है जो भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का योग बना रहे हैं। भारत में नए-नए उद्योगों का फैलाव होगा।
विभिन्न राष्ट्रों के साथ नए-नए अनुबंध होंगे और भारत का आर्थिक मूल्यांकन बहुत तेजी से बढ़ेगा। लग्न में सूर्य ,बुध और चंद्रमा उत्तम स्थिति में है जो राजा के प्रभाव को बढ़ा रहा है। क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव कम होगा और सत्तासीन पार्टी की ओर प्रजा का झुकाव अधिक हो जाएगा। शनि की दृष्टि अष्टम भाव को देख रही है जो प्राकृतिक उत्पात, चक्रवात, अतिवृष्टि अथवा भूकंप के योग भी बनाती है। वर्ष लग्न में बुध का अपनी नीच राशि में होना आकाशीय घटनाओं का संकेत है।
आपके लिए नव संवत्सर
मेष: मेष राशि के लिए इस वर्ष परस्पर अंतर-विरोध के चलते कार्य में गतिरोध उत्पन्न होगा। आय की अपेक्षा भी व्यय अधिक होगा। जुलाई से ग्रह बदलेंगे जो आपको नए नयी आर्थिक संभावनाओं को बल देंगे। महत्वाकांक्षाओं को अधिक न बढ़ाएं। किंतु मेहनत के चलते आपका सितारा बुलंद रहेगा। परिवार में मंगल कार्य होंगे। जल्दीबाजी में कोई निर्णय ना लें।
वृषभ: वृषभ राशि वालों के लिए सम्वत् 2079 उत्तम समाचार लेकर आ रहा है। जनसंपर्क बढ़ेगा। इस कारण आर्थिक लाभ की संभावना भी है, किंतु वाणी पर नियंत्रण बनाएं रखें। देश-विदेश से अच्छे समाचार मिलेंगे। भूखण्ड अथवा प्लॉट या मकान खरीदने का भी योग है। आलस्य की प्रवृत्ति जन्म लेगी जो आपके लिए हानिकारक है। इसलिए निरंतर कार्य करते रहें। वर्षभर लाभ होता रहेगा।
मिथुन: यह संवत मिथुन राशि वालों के लिए मिलाजुला फल देने वाला है। घर-गृहस्थी के कार्यों में मन लगेगा, किंतु सामाजिक दायित्वों की पूर्ति ठीक प्रकार से ना होने से परेशानी पैदा हो सकती हैं। वाद-विवाद से बचकर रहें। अगस्त के पश्चात लाभप्रद यात्राएं रहेंगी। परस्पर संवाद के माध्यम से लाभ होगा और नए काम बनने का भी संयोग बनेगा।
कर्क: इस वर्ष आपके मेहनत का प्रयास फल मिलेगा। धन लाभ के नए-नए स्रोत बनेंगे, किंतु स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। लंबी यात्राएं फलदाई होंगी। परिवार में मंगल कार्य हो सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। उच्चाधिकारियों या पिता के द्वारा लाभ होगा।
सिंह: सम्वत् 2079 में सिंह राशि वालों के लिए सावधानी रखनी चाहिए। किसी भी कार्य करने से पहले किसी वरिष्ठ व्यक्ति से सलाह अवश्य लें। पुराने रोग एवं ऋण से छुटकारा मिलेगा। लंबे समय से चली आ रही कोई योजना पूर्ण हो जाएगी। भवन खरीद सकते हैं। घर में भौतिक सुख का सामान खरीदने का भी योग है। संतान की ओर से खुशियां मिलेंगी।
कन्या: यह संवत आपके लिए काफी समय से प्रतीक्षा कर रहा है। भाग्य के भरोसे न रहकर अपने पुरुषार्थ द्वारा सफलता पाने का प्रयास करें। सफलता आपके निकट ही है। मेहनत के बल पर नई-नई योजनाओं पर कार्य होंगे। नए अनुबंध मिलेंगे। नौकरीपेशा वालों के लिए शुभ समाचार मिलेगा। विदेश यात्रा भी हो सकती है, किंतु कन्या राशि वालों के लिए अनजान व्यक्तियों के साथ दोस्ती और धन निवेश नहीं करना चाहिए। कानूनी विवाद में फंस सकते हैं।
तुला: तुला राशि वालों के लिए इस वर्षसे थोड़ी स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां बढ़ सकती हैं। स्थान परिवर्तन का भी योग बनेगा। अगस्त के पश्चात घर में मंगल कार्य के योग हैं। संतान आदि क्षेत्र में लाभ होगा ।आत्मविश्वास बनाए रखें ,कार्य सफल होंगे किंतु जल्दबाजी और वाणी पर कंट्रोल रखें ।प्रतियोगी परीक्षा में अथवा व्यापार में आशातीत लाभ होगा।
वृश्चिक: इस राशि वालों के लिए यह समय भूमि वाहन खरीद-फरोख्त के लिए शुभ है। व्यवसाय अथवा नौकरी में निरंतर प्रगति होगी। विरोधियों के षड्यंत्र से आप सावधान रहें। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। किसी बड़े अधिकारी या राजनीतिक लोगों से संपर्क बनेंगे। दिसंबर के बाद कार्य में रुकावट आ सकती है या हानि हो सकती है। इसलिए सूझबूझ से काम करें।
धनु: धनु राशि के लिए यह संवत शुभ है। कारोबार या नौकरी बदलने का विचार न करें। आलस्य और प्रमाद से बचें। धन आगमन पर्याप्त मात्रा में होगा। घर में मंगल कार्य होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। समाज में प्रतिष्ठा वृद्धि होगी और भाग्य के द्वार खुलेंगे।
मकर: इस वर्ष मकर राशि के लिए शनि की तृतीय ढैया बहुत लाभदायक रहेगी। घर-परिवार में शांति मिलेगी। ऋण से मुक्ति मिलेगी। मेहनत के चलते सितारा बुलंद होगा। कानूनी विवादों में न फंसे। पत्नी के साथ तालमेल अच्छा रखें। यह संवत बहुत ही प्रसन्नता लेकर आ रहा है।
कुंभ: इस राशि के जातकों के लिए सफलता प्रतीक्षा कर रही है। आलस्य भाव त्याग करके कार्य में निरंतर मेहनत करें। सफलता और इच्छाएं पूर्ण होंगी। विचाराधीन चल रही योजना पूरी होंगी। मित्रों से सहयोग मिलेगा। लंबी यात्रा का योग है। बैंक बैलेंस बढ़ता रहेगा। उच्च अधिकारियों से अथवा राजनेताओं से संबंध अच्छे रहेंगे। किसी के साथ स्पर्धा से न रखें। सामाजिक और पारिवारिक दायित्व की पूर्ति होगी। धनधान्य निरंतर बढ़ेगा।
मीन: मीन राशि वालों के लिए शनि की आती हुई ढैया प्रारंभ में थोड़ी परेशानी उत्पन्न तो करेगी, किंतु धन प्राप्ति के लिए नई रूपरेखा बनेगी। परिवार में परस्पर संवाद बनाए रखें। इस वर्ष विशेष उपलब्धि का संयोग बनेगा। दुविधा से बचें और किसी वरिष्ठ व्यक्ति की सलाह अवश्य लें। सम्वत अच्छा रहेगा। घर में मंगल कार्य होने की संभावना भी है। पैर अथवा पेट आदि रोग की संभावना बनेगी। खानपान में सावधानी बरतें।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए सम्पर्क करें – 9891804615, वाट्सएप – 9457363435