हरिद्वार : जनपद में भारत सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर विभिन्न मामलों में पीड़ित महिलाओं का सहारा बन रहा है। हरिद्वार के वन स्टॉप सेंटर में अभी तक 731 मामलों में से 725 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है, जबकि 6 मामलों में कार्रवाई गतिमान। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के 460 मामले दर्ज हुए जिनमें से 457 मामलों का निस्तारण हो गया है 3 मामलों पर कार्रवाई गतिमान है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल ने बताया कि भारत सरकार की ओर से महिलाओं के साथ होने वाली विभिन्न हिंसाओं/घरेलू हिंसा को देखते हुए वर्ष 2016-17 में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से वन स्टॉप सेंटर का संचालन शुरू किया गया। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से विभिन्न प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अल्प समय के लिए आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधा, परामर्श, विधिक सहायता व पुलिस सहायता देने का कार्य किया जा रहा है जिससे विभिन्न मामलों व घरेलू विवादों से परेशान महिलाओं के विवादों के निस्तारण को सशक्त माध्यम मिला है।
हरिद्वार जिले में संचालित वन स्टॉप सेंटर में वर्तमान तक 731 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 725 का निस्तारण किया जा चुका है 6 मामलों पर कार्रवाई गतिमान है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के 460 मामले दर्ज हुए जिनमें से 457 का निस्तारण हो गया है 3 मामलों में कार्रवाई गतिमान है। वर्तमान में वन स्टॉप सेंटर का संचालन इंदिरा प्रियदर्शनी महिला छात्रावास, जमालपुर कलां, निकट बैरियर नंबर 6 में किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा प्राप्त बजट से वन स्टॉप सेंटर की बिल्डिंग का निर्माण महिला छात्रावास परिसर में किया जा चुका है। निर्माण एजेंसी द्वारा नवनिर्मित भवन विभाग को हस्तांतरण की कार्रवाई गतिमान है।