भारतीय मानक ब्यूरो, देहरादून द्वारा “मानक मंथन” कार्यक्रम में आरओ आधारित जल शोधन प्रणालियों के नवीनतम मानकों पर दी गई जानकारी

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  • कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में गुणवत्ता मानकों की महत्ता पर डाला प्रकाश
  • युवाओं को गुणवत्ता के प्रति जागरूक नागरिक बनने का आवश्यक्ता – स्नेहलता, उप महानिदेशक (उत्तर), बीआईएस
  • उपभोक्ता सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के पालन हेतु जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण कड़ी – सौरभ तिवारी, निदेशक, बीआईएस

देहरादून : भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून द्वारा गुरुवार को होटल सरोवर प्रीमियर, देहरादून में “मानक मंथन” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय रहा “पीने के प्रयोजनों के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) आधारित प्वाइंट ऑफ यूज़ जल उपचार प्रणाली का विनिर्देशन – प्रथम संशोधन”। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद, हरिद्वार और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा की गई।

कार्यक्रम में स्नेहलता, उप महानिदेशक (उत्तर), बीआईएस, सौरभ तिवारी, निदेशक, बीआईएस देहरादून, ताजबर सिंह, अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा प्रशासन, गणेश कंडवाल, अधिकारी प्रभारी, खाद्य सुरक्षा प्रशासन, श्याम कुमार, संयुक्त निदेशक एवं सौरभ कुमार चौरसिया, सहायक निदेशक उपस्थित रहे। इस अवसर पर ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के छात्रों, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा आरओ प्रक्रिया से जुड़ी उद्योग इकाइयों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।

इस अवसर पर सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में गुणवत्ता मानकों की महत्ता पर प्रकाश डाला और बीआईएस की उपभोक्ता सुरक्षा के क्षेत्र में की जा रही पहल की सराहना की। स्नेहलता, उप महानिदेशक (उत्तर), बीआईएस ने जल शोधन प्रणालियों में मानकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया तथा युवाओं को गुणवत्ता के प्रति जागरूक नागरिक बनने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में सौरभ तिवारी, निदेशक, बीआईएस देहरादून ने अपने संबोधन में कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के पालन हेतु जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने बीआईएस देहरादून द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों का उल्लेख करते हुए बताया कि मानक केवल तकनीकी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को सुरक्षित और बेहतर जीवन प्रदान करने का माध्यम हैं। उन्होंने युवाओं, उद्योग प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से आह्वान किया कि वे गुणवत्ता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बीआईएस निरंतर उद्योग, शिक्षा जगत और उपभोक्ताओं के साथ संवाद कर मानकीकरण की प्रक्रिया को और सुदृढ़ करेगा।

ताजबर सिंह, अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने खाद्य एवं जल सुरक्षा के नियामक पक्षों पर चर्चा की और उपभोक्ता कल्याण हेतु संयुक्त प्रयासों पर बल दिया। इसके अलावा श्री गणेश कंडवाल, अधिकारी प्रभारी, खाद्य सुरक्षा ने मानकों के पालन को जमीनी स्तर पर सुनिश्चित करने और युवाओं को जागरूकता फैलाने में भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर एवं विचार-विमर्श सत्र आयोजित हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से संवाद किया और जल शोधन, मानकीकरण, उद्योग की चुनौतियों तथा उपभोक्ता अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम आरओ आधारित जल शोधन प्रणालियों के नवीनतम मानकों पर जानकारी देने, उद्योग-शैक्षणिक जगत-स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करने तथा उपभोक्ता सुरक्षा व गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने में अत्यंत सफल रहा।

कार्यक्रम का पूर्ण संचालन वेदांशी नगर (बीआईएस देहरादून) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विषय से संबंधित मानक को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तारपूर्वक समझाया गया, तथा अंत में वोट ऑफ थैंक्स श्याम कुमार, संयुक्त निदेशक, बीआईएस द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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