नई दिल्ली: साल 2025 की शुरुआत में चीन सहित कई देशों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसके कारण यह वायरस इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला टॉपिक बन गया। लोग गूगल पर “HMPV क्या है?” और “क्या यह नई महामारी है?” जैसे सवाल पूछ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कोई नया वायरस नहीं है और मौसमी सांस की बीमारियों का हिस्सा है, लेकिन बढ़ते मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्पष्ट किया है कि चीन में दर्ज बढ़ोतरी सर्दियों के मौसम में सामान्य है और कोई असामान्य प्रकोप नहीं है।


HMPV क्या है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus – HMPV) एक सांस संबंधी वायरस है, जिसकी खोज 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि यह कम से कम 70 सालों से दुनिया भर में मौजूद है। यह RSV (रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस) के ही परिवार से belongs करता है और ज्यादातर सर्दियों व वसंत में सक्रिय होता है। 2025 में चीन, भारत, मलेशिया और कुछ अन्य देशों में इसके मामले बढ़े हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसमी है और कोविड-19 जैसा खतरनाक नहीं।
लक्षण क्या हैं?
HMPV के लक्षण आम सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे होते हैं। संक्रमण के 3-6 दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं:
- लगातार खांसी और गले में खराश
- बुखार (हल्का या तेज)
- नाक बहना या बंद होना
- सांस फूलना या तकलीफ (खासकर बच्चों और बुजुर्गों में)
ज्यादातर मामलों में यह हल्का होता है और खुद ठीक हो जाता है, लेकिन छोटे बच्चों (5 साल से कम), बुजुर्गों (65 साल से ऊपर) और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ब्रॉन्काइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।


कैसे फैलता है यह वायरस?
HMPV बहुत आसानी से फैलता है, ठीक कोविड या फ्लू की तरह:
- संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में ड्रॉपलेट्स के जरिए
- हाथ मिलाने या गले लगने से सीधे संपर्क से
- संक्रमित सतहों (जैसे दरवाजे का हैंडल) को छूने के बाद नाक-मुंह छूने से
किसे ज्यादा खतरा?
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे
- 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग
- अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
स्वस्थ वयस्कों में यह आमतौर पर हल्की सर्दी जैसा ही होता है।
इलाज और बचाव
वर्तमान में HMPV के लिए कोई विशेष वैक्सीन या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इलाज मुख्य रूप से लक्षणों पर आधारित है:
- पर्याप्त आराम करें
- खूब पानी और तरल पदार्थ पिएं
- बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह से दवा लें (जैसे पैरासिटामॉल)
- गंभीर मामलों में अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है
बचाव के उपाय पुराने और प्रभावी हैं:
- हाथों को साबुन से नियमित धोएं
- बीमार लोगों से दूरी बनाएं
- खांसते-छींकते समय मुंह ढकें
- मास्क पहनें अगर जरूरी हो
विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में HMPV के बढ़ते सर्च और मामलों का कारण मौसमी प्रकोप और बेहतर टेस्टिंग है, न कि कोई नई महामारी। डरने की बजाय सतर्क रहें और अगर सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। भारत में भी कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं।
