- जोशीमठ (ज्योर्तिमठ) ने दिखाया कचरा प्रबंधन का कमाल : मैटीरियल रिकवरी सेंटर से रिकॉर्ड आय, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार का संगम
ज्योर्तिमठ : धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण नगर पालिका परिषद् ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में एक मिसाल कायम की है। यहां स्थापित मैटीरियल रिकवरी सेंटर (एम.आर.एफ.) में प्लास्टिक अपशिष्टों को 34 विभिन्न श्रेणियों में छांटा जा रहा है, जिससे न केवल नगर पालिका की आय में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान मिला है। अब तक इस पहल से नगर पालिका ने 1.15 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अर्जित की है। यह सफल मॉडल अब प्रदेश के 65 से अधिक नगर निकायों में विस्तारित हो चुका है।
नगर पालिका परिषद् ज्योर्तिमठ (जोशीमठ) में स्थापित मैटीरियल रिकवरी सेन्टर (एम.आर.एफ.) में प्लास्टिक अपशिष्टों को 34 श्रेणियों में छटनी की जा रही है तथा इससे नगर पालिका द्वारा अब तक रूपये 1.15 करोड़ से अधिक की धनराषि अर्जित की गयी है। इससे ना सिर्फ पालिका की आय में वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण एवं रोजगार सृजन का साधन भी है। इस प्रयास को प्रदेश के 65 से अधिक नगर निकायों में विस्तारित किया गया है। पालिका द्वारा प्लास्टिक कचरे के को पुनः उपयोग हेतु पार्कों में प्लास्टिक के फर्नीचर स्थापित किये हैं।
प्लास्टिक कचरे के कारण चुनौतियां
ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और औली जैसे पर्यटन स्थलों के लिए मुख्य शहर है। हालांकि, यात्राकाल के दौरान शहर में पर्यटकों की भारी भीड़ होती है, जिसके परिणामस्वरूप प्लास्टिक कचरे उत्पादन अधिक मात्रा में हो जाता है। यह पर्यावरण के लिए खतरा है। प्लास्टिक कचरे का संग्रह, भंडारण, मानव संसाधन और परिवहन इस शहर की स्वच्छता और सुंदरता को बनाए रखने में चुनौतीपूर्ण कार्य साबित हो रहा था।
प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन हेतु अभिनव पहल
नगर पालिका परिषद् द्वारा वर्ष 2010 में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एम.आर.एफ.) की स्थापना की गई जिसका मुख्य लक्ष्य घर-घर जाकर व्यावसायिक क्षेत्रों और घरों से ठोस कचरे को कुशलतापूर्वक इकट्ठा करना था। एकत्र किए गए कचरे को फिर मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में ले जाया जाता था, जहाँ पर पर्यावरण मित्र प्लास्टिक सामग्री को अलग करके कॉम्पैक्ट करते थे। यह पहल टिकाऊ कचरा प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने और समुदाय में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए लागू की गई थी। नगर पालिका परिषद् ने वर्षों से इन प्रथाओं को सफलतापूर्वक बनाए रखा है। वर्तमान में, मटेरियल रिकवरी सेन्टर पर सूखा कचरा एकत्र किया जाता है और 34 अलग-अलग श्रेणियों में छांटा जाता है तत्पश्चात कचरे को कॉम्पैक्ट करके शहर के बाहर पुर्नचक्रण हेतु विक्रय किया जाता है, जिससे नगर पालिका की आय में वृद्धि हो रही है। यह अभिनव अपशिष्ट प्रबंधन दृष्टिकोण ना केवल पर्यावरण को लाभ पहुँचाता है बल्कि नगर पालिका परिषद् की वित्तीय स्थिरता में भी योगदान देता है। साथ ही पालिका द्वारा डोर टू डोर कूड़ा एकत्रत किया जा रहा है। जिसमें कूड़ा उठाने का शुल्क (यूजर चार्ज) पालिका द्वारा गठित स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से घर-घर जा कर वसूला जा रहा है। जिसमें यूजर चार्ज की वसूली में भी वृद्धि हुई है। साथ ही महिलाओं की भी आय हो रही है।
प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन में कार्यरत कार्मिक
जोशीमठ नगर पालिका वर्तमान में अपने संसाधनों से इस मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एम.आर.एफ) का संचालन कर रही है। एमआरएफ की स्थापना वर्ष 2010-11 में की गई थी, जिसमें 7 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं, जिन्हें प्रतिदिन 250 रुपये का पारिश्रमिक दिया जाता था। वर्तमान में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एम.आर.एफ) सेंटर पर में 20 पर्यावरण मित्र कार्यरत हैं, जिनमें कार्यरत प्रत्येक कार्मिक को प्रतिदिन 550 रुपये मिलते हैं।
प्रयास से सफलता
शहर में लागू किए गए अभिनव प्रयासों ने पर्यावरण के बारे में निवासियों में जागरूकता बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। जिसमें नगर क्षेत्र के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भूमिका भी लोगों को जागरूक करने में कारगर साबित हुई है। इसके परिणामस्वरूप, कूड़ा-कचरा फैलाने की प्रवृत्ति में काफी कमी आई है, और लोग अब अपने कचरे का जिम्मेदारी से निपटान कर रहे हैं। शहर ने पर्यावरण के अनुकूल वाहनों का उपयोग करके घर-घर जाकर कचरा संग्रहण प्रणाली को अपनाया है, जो फिर एक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्र पर कचरे को छांटता है, एक कॉम्पैक्टर मशीन का उपयोग करके इसे कॉम्पैक्ट करता है, और पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को बेचता है। इस व्यापक कचरा प्रबंधन प्रणाली ने पूरे शहर में कचरे के ढेर की उपस्थिति को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया है, जिससे जोशीमठ एक कचरा-मुक्त एवं कूड़ेदान मुक्त शहर बन गया है।
वर्ष 2010-11 में स्कीइंग विंटर गेम औली के दौरान पर्यटन विभाग के सौजन्य से नगर पालिका को एक कॉम्पेक्टर मशीन निःशुल्क प्राप्त हुई थी, जिसकी क्षमता 150 किलोग्राम प्रति बंडल है, जो प्लास्टिक कचरे को कॉम्पैक्ट करने और आसानी से परिवहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । इस वर्ष 2025-26 की 40 दिनों की यात्रा के दौरान पालिका द्वारा लगभग 2.60 लाख प्लास्टिक शीतल/पेयजल की बोतलें एकत्र की गई हैं।
कॉम्पैक्टर मशीन का योगदान और प्राप्त की गई प्लास्टिक की बोतलें
वर्ष 2010-11 में औली में आयोजित स्कीइंग विंटर के दौरान, पर्यटन विभाग के सौजन्य से नगर पालिका को एक कॉम्पैक्टर मशीन निःशुल्क प्राप्त हुई थी, जिसकी क्षमता 150 किलोग्राम प्रति बंडल है। यह मशीन प्लास्टिक कचरे को कॉम्पैक्ट करने और उसके परिवहन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस वर्ष (2023-24) यात्रा के दौरान, पालिका ने लगभग 2.60 लाख प्लास्टिक शीतल/पेयजल की बोतलें एकत्र कीं, जो इस मशीन की उपयोगिता को दर्शाता है।
पुरूस्कार एवं सम्मान
- अजैविक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नगर पालिका परिषद् जोशीमठ को वर्ष 2010-11 में मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार द्वितीय तथा वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री निर्मल नगर उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इस सफल प्रयास को स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा देश के 75 शहरों से स्वच्छता हेतु किये गये अभिनव प्रयासों को “Tales from 75 Cities, Journey of Swachhata” पुस्तक में Joshimath Community Driven Waste Management Success शीर्षक में प्रकाशित किया गया है।
अपर निदेशक शहरी विकास विभाग उत्तराखंड डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि नगर पालिका परिषद् ज्योर्तिमठ का यह सफल मॉडल अन्य नगर निकायों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो दर्शाता है कि प्रभावी कचरा प्रबंधन न केवल पर्यावरण की रक्षा करता है बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक उत्थान का भी मार्ग प्रशस्त करता है। नगर पालिका परिषद् ज्योर्तिमठ की यह अभिनव पहल न केवल नगर के कचरा प्रबंधन को सुव्यवस्थित कर रही है, बल्कि वित्तीय आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही है।