भूलना सीख लो यारो अगर ज़िंदगी आसान करनी है ……………

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देहरादून : सीखना भूलना ज़रूरी है….. Unlearning is Important… परफ्यूम की दुकान में कॉफी बीन का जार क्यूँ रहता है? इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है? क्या हम कुछ सीख सकते हैं? एक महंगी बोतल परफ्यूम बेचने के लिए एक मुट्ठी भर कॉफी बीन बहुत ज़रूरी है।

कैसे?

जब हम परफ्यूम की दुकान पर जाकर परफ्यूम आज़माते हैं, तो चौथे या पाँचवें के बाद, हम खुशबू में फ़र्क नहीं कर पाते। तब जार को लाया जाता है और कॉफी बीन को सूंघा जाता है और हम सीखना भूलने की प्रक्रिया से गुज़रते हैं, इसकी तेज़ खुशबू की वजह से हमारा दिमाग अब सिर्फ़ कॉफी को याद रखता है। अब हम फिर से परफ्यूम आज़माना शुरू कर सकते हैं। यह सब एक मिनट में हो जाता है।

क्या है परेशानी?

हमारे पास सीखना भूलने और नई चीज़ों की ओर बढ़ने की अद्भुत शक्ति है, यह हमें विकास की प्रक्रिया के रूप में मिली है, समय के साथ हम भूल गए हैं कि “इसे कैसे जाने दें”, इसे सीखना भूलना कहते हैं। जब हम चीज़ों को जाने देना सीख जाते हैं, तो रचनात्मकता और उत्पादकता बढ़ जाती है।
  • जीवन में विकास करने और साथ आने वाली अनेक खुशबुओं का आनंद लेने के लिए अनसीखना महत्वपूर्ण है।
  • अनसीखना भूलना नहीं है, अनसीखना केवल सचेत रूप से होता है।
  • इसे जाने देना सीखें..व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से।
  • आओ, सीखने के साथ आगे बढ़ें…

भूलना सीख लो यारो, गर ज़िंदगी आसान करनी है…

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.

 

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