गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ के गरीब दलित परिवार के आपदा पीड़ितों पर किये गये फर्जी मुकदमों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर गुरूवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की ओर से एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को भेजा गया है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती का कहना है कि जोशीमठ क्षेत्र के तमाम वाशिंदे पहले ही आपदा की मार से परेशान और बेहाल है उपर से अब पुलिस की ओर से दलित परिवारों के आपदा पीड़ितों को मुकदमें के नोटिस थमा दिए गये है। जबकि उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वे अपने विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर 11 मई 2023 को एक मशाल जुलूस में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि 11 मई 2023 को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की ओर से साल भर चले आंदोलन के क्रम में अपनी मांगों पर कार्रवाई के संदर्भ में निकाला था।
उनका यह भी कहना है कि संघर्ष समिति की ओर से उपजिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना भी दी गई थी। इसके बावजूद लोगों पर कार्रवाई किया जाना न्यायोचित नहीं है। वर्तमान समय में भी आपदा पीड़ित अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार से गुहार लगा रहे है लेकिन उनकी मांगों को सुनने के बजाय उल्टा उन पर मुकदमें किये जाने के नोटिस दिए जा रहे है। जो सरासर गलत है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आपदा पीड़ितों को पर हो रही इस कार्रवाई को रोका जाए तथा मुकदमें वापस लिये जाएं। ज्ञापन देने वालों में अतुल सती, संजय उनियाल, बुद्धिलाल, भवानी, महेंद्र, लक्ष्मी देवी, दीपक कुमार टम्टा आदि शामिल थे।