कोटद्वार : जनपद पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित उत्तराखंड बांस एवं रेशा प्रशिक्षण केंद्र, पनियाली में राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह के अंतर्गत आज 20 प्रशिक्षणार्थियों का दो माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद को सीएचसीडीएस (व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना) के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है, जिसका संचालन जिला उद्योग विभाग द्वारा किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ विधान सभा अध्यक्षा/क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा ऐसे ही कार्यक्रमों के माध्यम से साकार हो रहा है। इस प्रशिक्षण से महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाला विकसित भारत कुटीर एवं लघु उद्योगों के सशक्तिकरण से ही संभव होगा।
उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के सहायक निदेशक नलिन राय ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थानीय संसाधनों के माध्यम से प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय बांस एवं रिंगाल से 30 से अधिक प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। साथ ही तैयार उत्पादों की मार्केटिंग का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे प्रशिक्षणार्थी स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण अवधि में तीन सौ रुपए प्रतिदिन आने-जाने का भत्ता भी दिया जाएगा।
जिला उद्योग केंद्र कोटद्वार की प्रबंधक उपासना सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा जो बांस एवं रिंगाल आधारित कार्य करना चाहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से लोग कुटीर उद्योग से लेकर बड़े उद्योग तक स्थापित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पश्चात चयनित प्रशिक्षणार्थियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों में सहभागिता का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र कोटद्वार के कार्मिक, अन्य अधिकारी एवं सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।

