गोपेश्वर (चमोली)। 14 दिनों से लापता चमोली जिले के नंदानगर के बांजबगड़ गांव निवासी मनोज सिंह बिष्ट का शव रविवार को घांघरिया के जंगल में पेड़ पर लटका मिला। हत्या की आशंका जताते हुए क्षेत्र की जनता ने सोमवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जुलस प्रदर्शन कर मामले की गहन जांच और आरोतिपों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि बांजबगड निवासी 21 वर्षीय मनोज बिष्ट घांघरिया में पुलना गांव निवासी घोडा मालिक देवेंद्र सिंह चौहान के साथ घोडा संचालन का काम करता था। 29 जून को वह अपने साथी प्रकाश सिंह रावत के साथ सोया हुआ था लेकिन जब अगली सुबह घोडा मालिक देवेंद्र सिंह चौहान घोडों को चारा देने वहां आया तो मनोज बिस्तर पर नहीं मिला। पांच जुलाई तक उसके मोबाइल पर घंटी जा रही थी लेकिन उसके बाद बंद हो गया। सात जुलाई को परिजनों ने मनोज की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना गोविंदघाट थाने में दर्ज की। नौ जुलाई को मनोज के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक चमोली से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपते हुए मनोज की खोजबीन की मांग की तथा बताया कि लेनदेन को लेकर मनोज का अपने मालिक से विवाद भी हुआ था। इस पर गोविंदघाट थाना पुलिस ने दोनों का समझौता भी करवाया था।
मामले में पुलिस की ओर से मनोज की खोजबीन की जा रही थी कि रविवार की देर सांय को घांघरिया के जंगलों में मनोज का शव पेड़ पर लटका मिला। इस पर क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और क्षेत्रीय जनता ने सोमवार को मामले को लेकर जिला चिकित्सालय के मोर्चरी गेट के पास जाम लगाते हुए धरना प्रदर्शन करते हुए मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीण सुखवीर रौतेला, मनोज कठैत, दीपक रतूड़ी, अशोक सती का कहना है कि उनकी ओर से एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए मांग की गई है कि मनोज का पोस्टमार्टम के लिए एक पैनल तैयार किया जाए तथा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए, मनोज का शव संदिग्ध अवस्था मिला है इसकी निष्पक्ष जांच की जाए, पुलिस की प्रारंभिक जांच भी संदेह के घेरे में इसकी भी जांच होनी चाहिए तथा मामले में शामिल घोडा मालिक देवेंद्र चौहान और अन्य लोगों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए।
पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि इस मामले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस बल को प्रभावित क्षेत्र को रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर दी जाएगी।