देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ननूरखेड़ा स्थित निदेशालय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल (PRD) परिसर में पीआरडी के स्थापना दिवस पर आयोजित रैतिक परेड कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि और जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक वितरित किए। मुख्यमंत्री ने पीआरडी जवानों को धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।
प्रमुख घोषणाएं
- प्रशिक्षण संस्थान और चिकित्सा सुविधा।
- पीआरडी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी।
- ड्यूटी के दौरान चिकित्सालय में भर्ती होने पर जवान को अधिकतम छह माह तक ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उन्हें पूर्ण मानदेय प्रदान किया जाएगा।
- ग्राम अस्थल रायपुर में खेल मैदान का निर्माण कराया जाएगा।
पीआरडी जवानों की भूमिका पर मुख्यमंत्री की प्रशंसा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीआरडी जवान प्रदेश में सुरक्षा, जनसेवा, यातायात व्यवस्था, लिपिकीय कार्य और प्राकृतिक आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान भी उन्होंने लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में सराहनीय कार्य किया। उन्होंने जवानों को धैर्य, संवेदनशीलता और सजगता का प्रतीक बताया।
जवानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार के निर्णय
- राज्य गठन के समय 65 रुपये प्रतिदिन भत्ता था, जिसे बढ़ाकर 650 रुपये किया गया।
- मृत एवं घायल जवानों के आश्रितों को 70 लाख रुपये से अधिक की सहायता दी गई।
- 10 वर्ष सेवा पूरी करने पर सेवानिवृत्त जवानों को 18 लाख रुपये का एकमुश्त सेवा भत्ता।
- विभिन्न ड्यूटी में मृत्यु होने पर सहायता राशि दोगुनी की गई (साम्प्रदायिक दंगे: 1 लाख से 2 लाख, अति-संवेदनशील ड्यूटी: 75 हजार से 1.5 लाख, सामान्य ड्यूटी: 50 हजार से 1 लाख)।
- प्राकृतिक आपदा में नुकसान पर 50 हजार रुपये तक की सहायता।
- मृत एवं अपंग जवानों के आश्रितों को पीआरडी में पंजीकरण और रोजगार: अब तक 190 में से 133 आश्रितों को नौकरी दी गई।
- इस माह 149 पंजीकृत आश्रितों को अर्द्ध सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या का बयान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि पीआरडी जवान चुनाव, पर्व-त्योहार, आपदा और सामान्य दिनों में हमेशा आगे रहते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने जवानों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए। 2022 से स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाया जा रहा है। विभाग का बजट 60 लाख से बढ़कर 135 करोड़ हो गया है और वर्तमान में 7500 से अधिक जवान सेवाएं दे रहे हैं।
