नाबार्ड की मद से स्वीकृत योजनाओं का काम समय से करें पूरा – डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट

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उत्तरकाशी : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के तहत जिले में 90 योजनाओं के लिए रू. 223 करोड़ 12 लाख की धनराशि का वित्त पोषण किया गया है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने नाबार्ड की मद से स्वीकृत योजनाओं का काम समय से पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा है कि इन कार्यों की हर पखवाड़े नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने राजकीय पॉलीटेक्नीक पिपली के भवन निर्माण सहित जिले में उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम द्वारा किए जा रहे तमाम कार्यों की प्रगति का ब्यौरा भी तलब करते हुए कहा है कि निगम के कार्यों की अलग से विशेष समीक्षा होगी।  
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने नाबार्ड, लीड बैंक एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर नाबार्ड के द्वारा वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि नाबार्ड के द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र एवं ग्रामीण संचार की मदों में अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का वित्त पोषण किया जा रहा है। इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने पूर्ण हो चुकी योजनाओं का प्रमाण पत्र अविलंब प्रस्तुत करने तथा चालू कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश देते हुए विभागों को लंबी अवधि से अपूर्ण कुछ योजनाओं के संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की हिदायत दी। जिलाधिकारी ने कहा कि इन महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी या हीला-हवाली अब बरदाश्त नहीं की जाएगी और इन कार्यों की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा की जाएगी। नाबार्ड के तहत जिले में रू. 16.73 करोड़ की लागत से 970 पॉलीहाऊस स्थापना की योजना को कलस्टर आधार सब्जी उत्पादन के लिए चिन्हित क्षेत्रों में संचालित करने तथा आराकोट में रू. 12.95 करोड़ की लागत के कोल्ड स्टोरेज का कार्य प्राथमिकता से पूरा कराने के निर्देश देते हुए कहा कि नाबार्ड के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी अवस्थाना सुविधाओं के विकास के लिए खेती, बागवानी व पशुपालन, पेयजल, सिचांई, सड़कों एवं विद्यालयों की योजनाओं को पूरा करने पर अधिकारी विशेष ध्यान दें।
बैठक में बताया गया कि नाबार्ड की मद से पिपली में पॉलीटेक्नीक भवन निर्माण की योजना वर्ष 2015 में स्वीकृत की गई थी। रू. 5.72 करोड़ लागत की यह योजना भी उ.प्र.राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई है, लेकिन यह कार्य निगम के द्वारा पूरा नहीं किया गया है। इस कार्य के लिए निगम को रू. 154.51 लाख की धनराशि मोबीलाईजेशन अग्रिम के रूप में एवं रू. 180.89 लाख की धनराशि अग्रिम के रूप में अवमुक्त की गई है। जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीर प्रकरण बताते हुए उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को हिदायत दी कि निगम के द्वारा जिले में नाबार्ड सहित अन्य समस्त मदों में किए जा रहे कार्यों की वित्तीय व भौतिक प्रगति का विस्तृत ब्यौरा तुरंत प्रस्तुत किया जाय। अगले सप्ताह में इसकी विस्तार से समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने निगम को तुरंत लंबित कार्यों को पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि अब और देरी कतई बरदाश्त नहीं की जाएगी और कोई भी चूक पाए जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के तहत जिले में कृषि विभाग की 01 योजना हेतु रू. 670.23 लाख, पशुपालन विभाग की 07 योजनाओं हेतु रू. 990.85 लाख, शिक्षा विभाग के 7 कार्यों हेतु रू. 1370.80 लाख, मत्स्य विभाग की 1 योजना हेतु रू. 390.01 लाख, उद्यान विभाग की 04 योजनाओं हेतु रू. 2605.30 लाख, लघु सिंचाई की 10 योजनाओं हेतु 1452.48 लाख,  सिंचाई एवं बाढ सुरक्षा कार्यों की 28 योजनाओं हेतु रू. 5672.26 लाख, पेयजल की 02 योजनाओं हेतु रू. 918.57 लाख, लोक निर्माण विभाग की 25 योजनाओं हेतु 6672.44 लाख, ग्रामीण निर्माण विभाग की 1 योजना हेतु 187.05 लाख और प्राविधिक शिक्षा की 4 योजनाओं हेतु रू. रू. 1382.15 लाख की धनराशि का नाबार्ड से वित्त पोषण किया जा रहा है। इस निधि के तहत वर्ष 2015 से अब तक जिले की कुल 90 योजनाओं के वित्त पोषण हेतु स्वीकृति मिली है। जिसमें से वर्ष 2014-15 में 03, वर्ष 2016-17 में 04, वर्ष 2017-18 में 06, वर्ष 2018-19 में 05, वर्ष 2019-20 में 06, वर्ष 2020-21 में 06, वर्ष 2021-22 में 09, वर्ष 2022-23 में 24 तथा वर्ष 2023-24 में 27 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इनमें से 46 योजनाओं के लिए मोबिलाईजेशन अग्रिम को छोड़कर अन्य धनराशि अवमुक्त होनी शेष है। जिलाधिकारी ने इन योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त कराकर जल्द काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। 
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक गुरूविंदर सिंह आहूजा, लीड बैंक प्रबंधक राजीव कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी एनएस बिष्ट, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश कुमार सैनी, नीरज अग्रवाल, अधिशासी अभियंता जल निगम मधुकांत उनियाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यालय से बाहर के विभागों व कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।

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