उत्तरकाशी : चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। प्रथम धाम यमुनोत्री में कपाट खुलने के बाद से ही लगातार श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। जिसके चलते धाम में अव्यवस्थाएं फैलने लगी है। धाम में लगातार क्षमता से अधिक लोग पहुंच रहे हैं, जिससे हादसे का खतरा भी सताने लगा है। यमुनोत्री पैदल मार्ग काफी संकरा है। ऐसे में एक साथ हजारों श्रद्धालुओं के धाम पहुंचने से मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।
यमुनोत्री धाम में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्रियों से अपील की है। पुलिस ने अपने एक्स अकाउंट पर सूचना जारी कर कहा कि आज यमुनोत्री धाम में क्षमता के अनुसार पर्याप्त श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। अब और अधिक श्रद्धालुओं को भेजना जोखिम भरा है। जो भी श्रद्धालु आज यमुनोत्री यात्रा पर आने जा रहे हैं, उनसे अपील है कि आज यमुनोत्री जी की यात्रा को स्थगित करें।
यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ से पैदल मार्ग पर हादसे का खतरा है। करीब पांच से छह किमी का यमुनोत्री पैदल मार्ग बेहद संकरा है। जिसका कुछ हिस्सा चट्टान पर तो कुछ हिस्सा लोहे के एंगल पर लिंटर डालकर तैयार किया गया है। जिससे यहां पैदल मार्ग पर दबाव बढ़ने पर हादसे का खतरा बना हुआ है।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भीड़ के चलते श्रद्धालुओं के फंसने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोग इस वीडियो को तेजी से शेयर कर रहे हैं। जिसमें एक स्थानीय व्यक्ति प्रशासन व सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर डोली वालों के लिए भी कोई व्यवस्था है। न पिट्ठू वालों के लिए, न यात्रियों के लिए, न घोड़े और न घोड़ा संचालकों के लिए व्यवस्था है।
सवाल यह भी है कि डंडी और घोड़ा-खच्चरों से सबसे अधिक दिक्कतें होती हैं। मार्ग संकरा होने के कारण दोनों ओर से घोड़े-खच्चर मार्ग पर कब्जा जमा लेते हैं। ऐसे में पैदाल यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यमुनोत्री पैदल मार्ग को और अधिक चौड़ा करने की जरूरत है। लेकिन, इस पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया।