युवा जलवायु वैज्ञानिकों को तैयार करने की पहल : उत्तराखंड के 50 विद्यालयों में शुरू हुआ आईएसआरओ भूवन आधारित जलवायु अध्ययन कार्यक्रम

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देहरादून : उत्तराखंड में पहली बार स्कूल स्तर पर उपग्रह आधारित जलवायु अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग, उत्तराखंड एवं SPECS के संयुक्त तत्वावधान में “डिजिटल मौसम निगरानी यंत्र निर्माण एवं उसके अनुप्रयोग” विषय पर राज्यव्यापी वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। यह कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार तथा इसरो के तकनीकी सहयोग से तीन अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया गया। यह कार्यशाला दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर, राजकीय इंटर कॉलेज खुमाड़ (अल्मोड़ा) एवं राजकीय इंटर कॉलेज धूमाकोट (पौड़ी गढ़वाल) में 2 से 6 दिसंबर तक संपन्न हुई। इसमें उत्तराखंड के 50 चयनित विद्यालयों के विज्ञान शिक्षक एवं छात्रों ने सहभागिता की।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर DPS रुद्रपुर के प्रधानाचार्य चेतन चौहान, खुमाड़ के प्रधानाचार्य हुकम सिंह, तथा धूमाकोट के प्रधानाचार्य आनंद सिंह बिष्ट ने सहभागियों को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड जलवायु परिवर्तन की सबसे अधिक प्रभावित श्रेणी में आता है, इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मौसम संबंधी सटीक जानकारी भविष्य में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेषज्ञ राघव शर्मा और सचिन शर्मा ने प्रतिभागियों को डिजिटल मौसम स्टेशन निर्माण, सेंसर आधारित डेटा संग्रह, ISRO Bhuvan प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उपग्रह डेटा विश्लेषण तथा GIS के व्यावहारिक अनुप्रयोगों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय को एक डिजिटल पर्यावरणीय निगरानी यंत्र (Environmental Monitoring Device–EMD) उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके माध्यम से छात्र तापमान, आर्द्रता, वर्षा, वायु गुणवत्ता एवं वायुदाब का वास्तविक समय में रिकॉर्ड तैयार करेंगे और इसे इसरो पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इस पहल के माध्यम से सभी 50 विद्यालयों को स्कूल क्लाइमेट रिसर्च लैब्स के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ छात्र आने वाले समय में स्थानीय जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, भूमि उपयोग और पर्यावरणीय जोखिमों का अध्ययन कर पाएंगे। यह डाटा भविष्य में शोध कार्य, कृषि क्षेत्र, आपदा प्रबंधन और नीति निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगा।

SPECS के प्रतिनिधि शंकर दत्त ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि भविष्य के “यंग सिटिजन साइंटिस्ट नेटवर्क” की स्थापना है, जिसमें छात्र जलवायु संरक्षण की दिशा में जिम्मेदार भूमिका निभाएँगे।

कार्यक्रम की सराहना करते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विज्ञान संप्रेषक डॉ. बृज मोहन शर्मा, अध्यक्ष – SPECS ने कहा – “उपग्रह तकनीक एवं छात्र-आधारित अनुसंधान का यह संयोजन उत्तराखंड में विज्ञान शिक्षा का नया अध्याय है। यह पहल भविष्य के जलवायु शोधकर्ताओं को तैयार करेगी।”

कार्यक्रम में सल्ट, नैनीडांडा तथा रुद्रपुर ब्लॉकों के सभी चयनित 50 विद्यालयों के छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

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