लोकसभा चुनाव 2024 : उत्तराखंड में पाँचों सीटों पर भाजपा की जीत की हैट्रिक

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Lok Sabha Election 2024 Uttarakhand: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की पांचों सीट पर क्लीन स्वीप कर जीत की हैट्रिक बनाई है। पांचों सीटों में सबसे अधिक मार्जन से नैनीताल सीट पर अजय भट्ट ने कांग्रेस को परास्त किया है। वहीं टिहरी गढ़वाल सीट पर निर्दलीय मैदान में उतरे बॉबी पंवार ने भी डेढ़ लाख से अधिक वोट हासिल कर सबको चौंका दिया है। कांग्रेस को पौड़ी गढ़वाल सीट से उम्मीद थी, लेकिन पार्टी प्रत्याशी गणेश गोदियाल चुनाव प्रचार के दौरान बनी हवा को जीत में नहीं बदल सके।

उत्तराखंड की अल्मोड़ा लोकसभा सीट के ताजा रूझान के अनुसार अजय टम्टा कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा से 224926 वोट से आगे हैं। अजय को अब तक 414832 वोट मिले, जबकि प्रदीप टम्टा को 189906 वोट हासिल हुए हैं।

टिहरी लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा बड़े अंतर से आगे है। भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह को इस सीट पर 264638 वोट से आगे हैं। उन्हें 451005 वोट मिले। जबकि कांग्रेस जोत सिंह गुनसोला को 186367 वोट हासिल हुए। तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार को 157728 वोट मिले हैं।

नैनीताल लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट जीत का मार्जन सबसे अधिक 333123 है। उन्हें 769353 वोट हासिल हुए। वहीं प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को 436230 वोट ही मिल सके। यहां बसपा प्रत्याशी 23379 वोट के साथ तीसरे नंबर पर हैं।

कांग्रेस को पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सबसे अधिक उम्मीद थी, लेकिन यहां भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी और कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के बीच वोटों को अंतर अभी तक 154596 है। बलूनी को 416010 और गोदियाल को 261414 वोट मिले हैं।

हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और कांग्रेस प्रत्याशी विरेंद्र सिंह रावत के बीच का अंतर 159035 है। त्रिवेंद्र को इस सीट पर 641418 और पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे विरेंद्र रावत को 482383 वोट मिले हैं। 88826 वोट के साथ निर्दल उमेश कुमार और 41980 वोट के साथ बसपा प्रत्याशी चौथे नंबर पर हैं।

बता दें कि इलेक्शन कमीशन की साइट से लिए गए उपरोक्त आंकड़ों में बदलाव संभव है। हालांकि सभी सीटों पर बड़े अंतर से साफ है कि भाजपा उत्तराखंड में हैट्रिक के अपने लक्ष्य को हासिल कर चुकी है। अब चुनाव आयोग से जीत का प्रमाणपत्र मिलना ही बाकी है।

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