गोपेश्वर (चमोली)। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शायंकाल को शीतकाल के बंद हो जायेंगे। पंच पूजाओं के चौथे दिन शुक्रवार को रावल ने माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने के लिए लिए आमंत्रण दिया।
गौरतलब है कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजाऐं शुरू होती है। जिसके तहत मंगलवार से पंच पूजायें शुरू हो गयी थी। जिसमें 14 नवम्बर को पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा अर्चना के बाद शाम को कपाट बंद हो गये। बुधवार को आदि केदारेश्वर जी तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए तीसरे दिन 16 नवम्बर को खडग पुस्तक पूजा शुरू हुई तथा गुरूवार को शाम से वेद पुस्तकों तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया। शुक्रवार पूर्वाह्न रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने लक्ष्मी माता को श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया तथा धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल सहित वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की तथा कढाई भोग चढाया।
इस अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि कपाट बंद की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। कार्यक्रम में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, दिनेश डिमरी, श्रीराम डिमरी, विपुल डिमरी, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, केदारसिंह रावत, अनसुया नौटियाल अजीत भंडारी, हरेंद्र कोठारी आदि मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंचपूजाओं के पांचवें दिन शनिवार 18 नवंबर रावल स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान करेंगें। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आ जायेंगे तथा अपराह्न ठीक तीन बजकर 33 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे।