राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देहरादून में विशेष पुनः-रिलीज़ के लिए तैयार, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर ‘साइलेंट हीरोज़’ को मिलेगा सम्मान, फिल्म ‘चलो जीते हैं’ की विशेष स्क्रीनिंग के बाद होगा आयोजन

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  • प्रधानमंत्री के जीवन और स्वामी विवेकानंद के दर्शन को समर्पित प्रेरणादायक श्रद्धांजलि

देहरादून : देहरादून 18 सितम्बर 2025 से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म “चलो जीते हैं” की विशेष पुनः-रिलीज़ का साक्षी बनेगा। यह फिल्म आईनॉक्स देहरादून मॉल, पीवीआर सेंट्रियो देहरादून और पीवीआर पैसिफिक देहरादून में प्रदर्शित की जाएगी, जिससे स्वामी विवेकानंद के दर्शन का प्रेरक संदेश शहर के युवाओं तक पहुँचेगा।

2018 की सबसे चर्चित और सर्वाधिक देखी गई लघु फिल्मों में शामिल यह फिल्म, स्वामी विवेकानंद के अमर संदेश “बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं” को समर्पित है। आनंद एल. राय और महावीर जैन द्वारा प्रस्तुत तथा मंगेश हडवाले द्वारा निर्देशित यह फिल्म प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बचपन की एक घटना पर आधारित है, जिसमें छोटे नारू की कहानी दिखाई गई है जो जीवन को सेवा और उद्देश्य के लिए जीना चाहता है।

देहरादून में युवा मनों को प्रेरणा

इस विशेष पुनः-रिलीज़ को चिह्नित करने के लिए देशभर में ‘चलो जीते हैं : सेवा का सम्मान’ पहल शुरू की गई है। देहरादून में भी स्क्रीनिंग के दौरान साइलेंट हीरोज़ – जैसे चौकीदार, ड्राइवर, सफाई कर्मचारी, परिचारक और अन्य जो समाज में चुपचाप योगदान देते हैं – को विद्यार्थियों के साथ सम्मानित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शहर के युवाओं में सहानुभूति, निःस्वार्थ सेवा और दूसरों के लिए जीने की भावना जगाना है।

राष्ट्रव्यापी असर, देहरादून की भागीदारी

निर्माता महावीर जैन ने कहा – “यह आंदोलन एक गहरी और शक्तिशाली संदेश लिए हुए है। यह करोड़ों युवाओं को हर कार्य और प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करने की प्रेरणा देगा। यह निःस्वार्थता, सहानुभूति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य के शाश्वत मूल्यों को मजबूत करता है – हमारे प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि।”

परिवार मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी “चलो जीते हैं” आज भी दर्शकों के हृदय को छू रही है। अब देहरादून के प्रमुख सिनेमाघरों में इसके प्रदर्शन के साथ, शहर के विद्यार्थी और नागरिक भी देशभर के लाखों लोगों के साथ इस प्रेरणादायक संदेश से जुड़ सकेंगे।

देहरादून के आईनॉक्स मॉल, पीवीआर सेंट्रियो और पीवीआर पैसिफिक में विशेष पुनः-रिलीज़ से यह सुनिश्चित होगा कि फिल्म का संदेश यहाँ के युवाओं तक पहुँचे और ऐसा समाज बने जिसमें दूसरों की सेवा को ही सच्ची सफलता माना जाए।

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