जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई जाने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ गंभीरतापूर्वक करें काम – डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट

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मोरी/उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने क्षेत्र पंचायत मोरी की बैठक में भाग लेते हुए अधिकारियों को दूरस्थ व पिछड़े क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के विकास योजनाओं को पूरी तत्परता व गुणवत्ता के साथ क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई जाने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ गंभीरतापूर्वक काम करें। 
क्षेत्र पंचायत मोरी की बैठक आज ब्लॉक प्रमुख बचन सिंह पंवार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल के साथ ही क्षेत्र के पंचातय सदस्यों, प्रधानों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में क्षेत्र के विकास के साथ ही  विभिन्न समस्याओं के निस्तारण को लेकर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के मध्य व्यापक चर्चा हुई और इस बावत अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने सदन में विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी प्रस्तुत की।
बैठक में भाग लनेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सुदूर व सीमांत मोरी विकास खंड में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन व बागवानी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। लिहाजा इस क्षेत्र को विकास के मोर्चे पर तेजी से आगे बढाया जाना जरूरी है। भारत सररकार द्वारा आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में मोरी को शामिल किए जाने की भी यही मंशा है। इस दिशा में सभी अधिकारियों को क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से गंभीरतापूर्वक कार्य करना होगा। 
जिलाधिकारी ने जन-प्रतिनिधियों से क्षेत्र में संचालित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के बावत विभागवार फीडबैक लेते हुए कहा कि जहां पर भी असंतुलन या कोई कमी है इसें जल्द दूर करने का भरसक प्रयास किया जाएगा। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर एवं व्यापक जनहित की योजनाओं को प्रस्तावित करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि बुनियादी सुविधाओं सहित सामाजिक व आर्थिक विकास को बढावा देने के लिए क्षेत्र पंचायतों की राय के अनुरूप जिला योजना में भी प्राविधान किए जाएंगे। 
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पेयजल निगम को एक सप्ताह तक मोरी ब्लॉक में रहकर जल जीवन मिशन की प्रत्येक योजना का  निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी योजनाओं पर पेयजल की सुचारू आपूर्ति  और अवशेष कार्यों को जल्द पूरा कराया जाय। एक सप्ताह बाद इसकी समीक्षा भी की जाएगी। 
जिलाधिकारी ने वन भूमि स्वीकृति हेतु लंबित प्रस्तावों का जल्द निस्तारण करने के निर्देश देते हुए संबंधित विभागों को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा। जिलाधिकारी ने सदन को अवगत कराया कि जिला स्तर पर हुई एक बैठक में वनाग्नि के कारण जलने के फलस्वरूप जान-माल के लिए खतरा बने सड़कों के निकटवर्ती पेड़ों को गिराए जाने का निर्णय लिया गया है। वन विभाग ने ऐसे पेड़ों को चिन्हित करने व गिराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने सिंचाई नहरों व गूलों पर सिंचाई के लिए नियमित रूप से पानी चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त नहरों और गूलों पर एचडीपीई पाईप के जरिये पानी चलाए जाने की व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी ने सिंचाई उपखंड कार्यालय मोरी से ही संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने लोनिवि तथा पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण के कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि मोरी-सांकरी रोड का जल्द डामरीकरण कराया जाएगा और लंबित स्वीकृतियों के मामले में शासन स्तर पर पैरवी की जाएगी। जिलाधिकारी ने क्षेत्र में अस्पतालों की स्थिति, चिकित्सकों, स्टाफ एवं दवाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली और आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की हिदायत दी। 
बैठक में विधायक दुर्गेश्वर ने जल जीवन मिशन सहित अन्य योजनाओं हेतु वन भूमि अंतरण के प्रस्तावों पर संबंधित विभागों से अविलंब कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीणों के हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जाना जरूरी है। उन्होंने पेयजल, सड़कों सहित विभिन्न योजनाओं के लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा किए जाने के भी निर्देश देने के साथ ही कहा कि मोरी के लिए स्वीकृत सिंचाई उपखण्ड कार्यालय को मोरी में ही स्थापित किया जाय।
प्रमुख बचन सिंह पंवार ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकास योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से परस्पर समन्वय कायम रख सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने सदन में उठाये गए प्रकरणों का विभागों द्वारा कारगर निस्तारण सुनिश्चित करने और जल जीवन मिशन में छूटे तोकों के लिए अन्य मदों से पेयजल की योजाना प्रस्तावित किए जाने की भी अपेक्षा की।
बैठक में  उप जिलाधिकारी देवानंद शर्मा, पीडी डीआरडीए पुष्पेंद्र सिंह चौहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएस रावत, अधिशासी अभियंता जल संस्थान विनोद पांडे,  अधिशासी अभियंता जल निगम मधुकांत कोठियाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि बलराम मिश्रा, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई  वाईके सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई पन्नी लाल, एसडीओ टौंस वन प्रभाग सुधीर कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल,  मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्र जोशी, प्रभारी चिकित्साधिकारी मोरी नितेश रावत, जिला पंचायतराज अधिकारी  सीपी सुयाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी उरेडा रॉकी कुमार, खंड विकास अधिकारी शशि भूषण बिंजोला, जिला युवा कल्याण अधिकारी विजय प्रताप भंडारी आदि अधिकारियों के साथ ही ज्येष्ठ उप प्रमुख प्रदीप रांगड़, कनिष्ठ उप प्रमुख अशोक रावत भी उपस्थित रहे।



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