प्रदर्शनकारियो को रोकने में पुलिस को बहाना पड़ा पसीना

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भराडीसैण (चमोली)। चमोली जिले के गैरसैण नगर पंचायत के अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने स्थाई राजधानी की मांग को लेकर विधान सभा कूच किया तो जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया। इसके चलते करीब 4 घंटे तक जाम लगने के कारण अफरा तफरी का माहौल रहा।

दरअसल कांग्रेस से जुड़े छात्रों, जनप्रतिनिधियों तथा महिलाओं ने स्थाई राजधानी घोषित करने, सीएचसी गैरसैण में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति, अल्ट्रा सांउड, एनएच सड़क चौडीकरण समेत तमाम मांगों को लेकर विधानसभा कूच का कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके चलते आंदोलनकारी विधान सभा कूच को गैरसैण आगे बढ़े तो लीसा गोदाम के पास आंदोलनकारियों को पुलिस ने रोक लिया। काफी विरोध प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों को आगे जाने दिया गया। आंदोलनकारी जोरदार नारेबाजी के साथ आगे बढ़ ही रहे थे कि दिवालीखाल विधानसभा बैरियर पर आंदोलनकारियों को रोक दिया गया। इस दौरान जबरदस्त नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारी विधानसभा भवन जाने की जिद्द पर अड़ गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच इस दौरान शक्ति प्रदर्शन जैसा दौर भी चला। आंदोलकारी लगातार बैरियर से छंलाग लगाकर आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे। उन्होंने सरकार के विरूद्ध जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया। पुलिस की आंदोलनकारियों से तीखी नोकझोंक और झडप भी होती रही। मामला दोनों पक्षों की जिद्द पर अड़ा रहा। इसी दौरान करीब दो बजे विधान सभा के सत्र स्थगित होते ही माननीय और उच्चाधिकारी गंतव्य को रवाना हो रहे थे कि वे भी जाम में फंस गए। इसके चलते विधान सभा भवन से लेकर दिवालीखाल तक सड़क तक वाहनों का जाम लग गया। हालात इस कदर बिगड गए कि आंदोलनकारी अपनी जिद्द पर अड गए। धक्का मुक्की के बीच कुछ उत्साही युवक मुख्य बैरियर को किनारे कर आगे बढ़ गए। किसी तरह पुलिस विधान सभा कूच कर रहे आंदोलनकारियों को रोक पाई।

इस दौरान नगर कांग्रेस  अध्यक्ष  सुरेंद्र  नेगी, ब्लांक  अध्यक्ष दान सिंह, सुरेंद्र बिष्ट,  हरिकृष्ण भट्ट,  प्रदीप  कुंवर, राधा बिष्ट,  संजय बिष्ट समेत तमाम आंदोलनकारी आदोलन को गरमाते रहे। नगर पंचायत अध्यक्ष मोहन भंडारी ने दावा किया कि लोग अपनी बातों को सरकार के कानों तक पहुंचा गए है। अब सरकार पर निर्भर है कि वह किस तरह के कदमों के साथ आगे बढ़ती है।

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