गंभीर मरीजों की जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा, बीते सप्ताह हेली सेवा से तीन गंभीर मरीजों को मिली संजीवनी

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ऋषिकेश : बीते सप्ताह आपातकालीन चिकित्सा जरुरतों के मद्देनजर एम्स द्वारा संचालित संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से तीन गंभीर श्रेणी के मरीजों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराकर जीवन रक्षा की गई। राज्य सरकार के सहयोग से संचालित एम्स की इमरजेंसी हेली एंबुलेंस सेवा विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल के अनुसार बीते सप्ताह बृहस्पतिवार को जिला चमोली के गोपेश्वर में हुए दर्दनाक हादसे में वन्य जीव भालू ने पेशेंट दयाराम को जानलेवा हमला कर गंभीररूप से घायल कर दिया।  उनका पूरा चेहरा बिगाड़ दिया, पेशेंट के पूरे चेहरे पर गंभीर चोटें थी, जिससे उनका चेहरा पहचानने लायक नहीं रहा। भालू के हमले में गंभीर घायल मरीज को स्थानीय लोगों द्वारा समीपवर्ती अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां से चिकित्सकों ने मरीज की अत्यधिक गंभीर स्थिति देखकर तत्काल एम्स ऋषिकेश ट्रॉमा सेंटर को सूचना दी। 
जहां से ट्रॉमा स्पेशलिस्ट द्वारा मरीज के सांस द्वार को सुरक्षित एवं ऑक्सीजन देने की सलाह दी गई। इसके बाद मरीज को  हेली एंबुलेंस द्वारा ट्रॉमा सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर रूबी कटारिया एवं टीम हेम्स के नर्सिंग अधिकारी मनोज कुमार की देखरेख में एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया एवं ट्रॉमा विशेषज्ञ डॉक्टर मधुर उनियाल के अंडर भर्ती किया गया एवं पेशेंट की तत्काल सभी जरुरी परीक्षण कराए गए।  डॉक्टर उनियाल के मुताबिक मरीज की स्थिति के अनुसार समुचित उपचार दिया जा रहा है, फिलहाल मरीज की स्थिति पहले से काफी बेहतर है ।
दूसरी ओर जिला महिला  अस्पताल, उत्तरकाशी से एक मरीज शीतल की जीवन रक्षा हेतु हेली एंबुलेंस सेवा की सूचना दी गई, बताया गया कि शीतल के प्रसव होने के बाद से लगातार रक्तस्राव हो रहा है , जिस कारण मरीज का हीमोग्लोबिन 3 ग्राम ही रह गया था, जिससे मरीज का ब्लड प्रेशर भी काफी कम हो गया था, मरीज की गंभीर स्थिति के मद्देनजर वहां के चिकित्सकों द्वारा उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया, शीतल को तत्काल स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीक्षा और हेम्स टीम की नर्सिंग अधिकारी मेघा भट्ट की निगरानी में हेली एंबुलेंस द्वारा एम्स ऋषिकेश लाया गया , मरीज को गायनी विभाग की डॉक्टर पूनम के अंडर भर्ती कराकर समुचित उपचार दिया गया। चिकित्सकों ने अब मरीज की स्थिति में काफी सुधार बताया है ।
उधर, बीते शुक्रवार को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से सुरेंद्र नामक मरीज जिनको लगातार मिर्गी के दौरे और उच्च रक्तचाप के कारण जान का खतरा बना हुआ था, मरीज को संजीवनी हेली एंबुलेंस द्वारा इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर जितेंद्र एवं टीम हेम्स के नर्सिंग अधिकारी महेंद्र चौधरी की देखरेख में एम्स लाकर इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. निधि कैले के अंडर भर्ती कर तत्काल इलाज प्रारंभ किया गया, चिकित्सकों ने अब मरीज की स्थिति में काफी सुधार बताया है । 
गौरतलब है कि भारत वर्ष की प्रथम निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा एम्स ऋषिकेश, उत्तराखंड में प्रारंभ की गई है, जो कि पहाड़ों से मरीजों को एम्स ऋषिकेश लाकर जीवन रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति अपने आसपास के गंभीर बीमार  घायलों के तत्काल उपचार के लिए जिला चिकित्सालय अथवा जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से सहयोग ले सकते हैं।

क्या कहती हैं एम्स निदेशक

पहाड़ों के लिए संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा एक वरदान साबित हो रही है, जिससे कई मरीजों के जीवन को हेली एंबुलेंस से एम्स अस्पताल पहुंचाकर तत्काल इलाज मिलने से जीवनदान मिल रहा है। यह भारत सरकार की पहली निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा इसी प्रकार सदैव गंभीर मरीजों के हित में कार्य करती रहेगी । – प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह,  कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ, एम्स ऋषिकेश।

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