‘कातिल आशियाना’ थीम पर केंद्रित जागरूकता झांकी
शोभा यात्रा में प्रदर्शित इस विशेष झांकी का मुख्य विषय था ‘लव जिहाद का कातिल आशियाना’। इस थीम के तहत पोस्टरों और नारों के जरिए युवतियों को इस गंभीर खतरे के प्रति सचेत करने का प्रयास किया गया। झांकी में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि किस तरह सुनियोजित ढंग से बालिकाओं और युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनके जीवन को बर्बाद किया जाता है। यह झांकी एक दृश्य माध्यम से समाज को यह संदेश दे रही थी कि ‘लव जिहाद’ केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है।
साजिशों का पर्दाफाश: कैसे फंसाया जाता है युवतियों को?
झांकी में उन तरीकों और घटनाओं को प्रमुखता से दर्शाया गया, जिनके माध्यम से कथित ‘लव जिहाद’ के तहत युवतियों को फंसाया जाता है। छद्म पहचान, भावनात्मक शोषण, और बाद में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव जैसी घटनाओं को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया, ताकि देखने वाले इसकी गंभीरता को समझ सकें। इसका उद्देश्य महिलाओं और युवतियों को जागरूक करना था कि वे सावधानी बरतें और किसी भी अजनबी व्यक्ति के बहकावे में न आएं।
हिंदू जागरण मंच का संदेश: मातृशक्ति को जगाना है
हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक, सौरभ गोदियाल ने इस पहल के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि ‘लव जिहाद’ केवल व्यक्तिगत घटनाओं का समूह नहीं, बल्कि हिंदुओं को ‘सांख्यिक दृष्टि से कमजोर’ करने और ‘धार्मिक और सांस्कृतिक अस्मिता के विरुद्ध’ एक गहरा षडयंत्र है। इसी षडयंत्र के विरुद्ध ‘मातृशक्ति को जागृत’ करने के लिए कोटद्वार क्षेत्र में यह विशेष झांकी निकाली गई। उनका मानना है कि जब तक समाज की मातृशक्ति जागरूक नहीं होगी, तब तक इस तरह के षडयंत्रों का सफलतापूर्वक मुकाबला नहीं किया जा सकता।
आस्था और जागरूकता का संगम
कोटद्वार में सिद्धबली बाबा के पावन अनुष्ठान के बीच निकली यह झांकी, आस्था के साथ-साथ जागरूकता का एक प्रबल संदेश लेकर निकली। यह दर्शाते हुए कि सामाजिक चेतना भी हमारे पर्वों का एक अभिन्न अंग है, इस पहल ने न केवल धार्मिक भावनाओं को सम्मान दिया, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकार को भी उजागर किया। इस तरह की पहल से समाज में ‘लव जिहाद’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी और महिलाएं व युवतियां अधिक सचेत हो सकेंगी।
हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक सौरभ गोदियाल ने बताया कि हिंदुओं को सांख्यिक दृष्टि से कमजोर कर धार्मिक और सांस्कृतिक अस्मिता के विरुद्ध षडयंत्र लव जिहाद किया जा रहा है। इसके विरुद्ध मातृशक्ति को जागृत करने के लिए कोटद्वार क्षेत्र में झांकी निकाली गयी। “देश भर में लगातार बढ़ रहे लव जिहाद के मामलों को देखते हुए समाज में जागरूकता और सतर्कता का भाव उत्पन्न करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। कई बार बालिकाएँ और युवतियाँ भावनात्मक रूप से प्रभावित होकर ऐसे संबंधों में पड़ जाती हैं, जिनका उद्देश्य प्रेम या विवाह नहीं, बल्कि धर्मांतरण और सामाजिक अस्थिरता होता है।”
उन्होंने कहा कि झांकी का उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि युवतियों को सचेत करना है ताकि वे ऐसे किसी भी षड्यंत्र का हिस्सा न बनें। गोदियाल ने आगे कहा- “लव जिहाद कोई व्यक्तिगत प्रेम संबंध नहीं, बल्कि नियोजित, सांस्कृतिक और मानसिक आक्रमण है। इसमें हिंदू समाज की बेटियों को पहले मित्रता और प्रेम के नाम पर फंसाया जाता है, फिर दबाव, धोखे और भय का प्रयोग करते हुए धर्मांतरण किया जाता है। यह केवल एक परिवार या व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य समाज में भय नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाना है। “हमारा प्रयास है कि मातृशक्ति जागृत हो, बेटियाँ आत्मविश्वासी बनें और अभिभावक अपनी संतानों को समय रहते सही मार्गदर्शन दें। समाज की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा केवल कानून से नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना से संभव है।”

