गोपेश्वर/देवाल (चमोली)। पिछले एक पखवाड़े से चमोली जिले के अधिकांश जंगल धू-धूकर जल रहे है। जिससे चारों ओर धूआं फैला हुआ है। धूऐं के कारण आसपास की पहाड़ियां भी नजर नहीं आ रही है। धूऐं के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिले के मुख्यालय गोपेश्वर के आसपास की पहाड़ियों के साथ ही देवाल, थराली, कर्णप्रयाग, पोखरी सहित अनेक स्थानों से वनों में आग लगने की सूचना मिल रही है। हालांकि वन विभाग भी अपनी तरफ से आग बुझाने में जुटा है लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। आग के कारण लाखों की वन संपदा तो नष्ट हो गई है वन्यजीवों का जीवन पर भी संकट के बादल छाये हुए है।
चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के पूर्वी पिंडर रेंज के जंगल एक के बाद दूसरे जंगलों में आग लगाने का सिलसिला जारी है। पिछले दो दिनों से मेलमीडा, पोखरीगाड़, रैन, पलवरा, फैटी गांव के जंगल धू-धूकर जल कर राख होते जा रहा है, सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो गए हैं। आग लगने से वन्यजीवों और पशु पक्षियों के जीवन पर संकट छाया है। जंगली जानवर गांव की ओर रूख कर रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी वनों में लगी आग बुझाने में जुटे हैं। जंगलों में लगी आग से तापमान बढ़ने लगा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया, पूर्व सुबेदार राम सिंह ने बताया कि शनिवार दोपहर में अचानक पदमला गांव के ऊपर जंगल में आग दिखाई दी जो जंगल में भड़क गई। आग तेजी से फैल है जो लगातार बढ़ती जा रही है।
रेंज अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया है, कि 25 से अधिक वन कर्मी आग बुझाने में लगे हैं। एक जगह बुझा रहे तो दूसरे जंगल में अज्ञात तत्व आग लगा दे रहे हैं। आग बुझाना बड़ी चुनौती बना है। उन्होंने ग्रामीणों से आग लगाने वालों की सूचना वन विभाग को देने का आह्वान किया है।
फायर सर्विस के कर्मी भी जुटे आग बुझाने में
फायर स्टेशन गोपेश्वर की ओर से सूचना मिलने पर राजकीय नर्सिंग कॉलेज के पास वाले जंगल में लगी आग जो काफी तेजी से आबादी क्षेत्र की तरफ बढ़ रही थी को फायर सर्विस गोपेश्वर की टीम मय ने काबू पा कर उसे आवासीय भवनों, नर्सिंग कॉलेज और सेन्टर स्कूल पठियालधार की बिल्डिंगों की तरफ बढ़ने से रोका जिससे बड़ी अग्नि दुर्घटना होने से रोका गया।