शहरी विकास विभाग रच रहा है नित नये – नये कीर्तिमान, नगर पंचायत लालकुआं द्वारा की गई एक अभिनव पहल, प्रदेश का प्रथम पुरुष स्वयं सहायता समूह गुलमोहर बना आत्मनिर्भर मॉडल

by

लालकुआं/देहरादून : प्रदेश में शहरी विकास विभाग लगातार नित नये – नये कीर्तिमान रच रहा हैं । जनपद नैनीताल की नगर पंचायत लालकुआं ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में एक अभिनव पहल कर प्रदेश में नये आयाम स्थापित किये हैं । आपको बताते चले कि नगर पंचायत लालकुआं ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में राज्य का प्रथम पुरुष स्वयं सहायता समूह गुलमोहर का गठन किया हैं जोकि प्रदेश में एक आत्मनिर्भर मॉडल हैं । जिसमें नगर पंचायत को ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन में लगातार सफलता मिल रही हैं जहाँ पहले नगर पंचायत कूड़ा निस्तारण करके 16 हजार रूपये प्रतिवर्ष अर्जित करती थी वहीँ अब 16 से 19 हजार रूपये कूड़ा रिसाइकल कर आते हैं इसके साथ ही यूजर चार्ज का पूरा कलेक्शन भी हो पा रहा हैं । गुलमोहर स्वयं सहायता समूह के गठन होने से नगर में स्वच्छता का स्तर सुधरा हैं और शून्य खर्च पर नगर की व्यवस्था दुरुस्त हुई हैं । नगर पंचायत लालकुआं की इस पहल से युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध हो पा रहा हैं और नगर की व्यवस्था दुरुस्त हो रही हैं । यह अपने आप में नगर निकायों के लिए एक आदर्श व्यवस्था बन रही है।

उत्तराखंड का प्रथम पुरुष स्वयं सहायता समूह ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर मॉडल

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन के समन्वय के द्वारा नगर पंचायत लालकुआं द्वारा अभिनव पहल की हैं । लालकुआं राज्य का एक छोटा नगर पंचायत है जिसकी कुल आबादी वर्ष 2011 के अनुसार 7644 है जिसका गठन 1994 में की गयी है। वर्ष 2022 से पूर्व इस पंचायत में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन का कार्य आउटसोर्स के माध्यम से किया जा रहा था तथा वहां पर स्थापित मैटिरियल रिकवरी फैसिलिटी का संचालन भी ठेके के माध्यम से संचालित किया जा रहा है किन्तु ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन में नगर पंचायत को संतोषजनक सफलता नहीं मिल पा रही थी तथा नगर पंचायत को ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए आय के बजाय व्यय करना पड़ रहा था। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए पूर्व में तैनात कार्मिकों द्वारा कोई विशेष रूचि नहीं ली जाती थी। कचरा को यहां-वहां फेंका जाता तथा कचरा निस्तारण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को गैर जिम्मेदाना ढंग से किया जाता था।

इस समस्या का समाधान के लिए वर्ष 2022 नवम्बर को राहुल कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत द्वारा निदेशालय के स्वीकृति द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर मॉडल के उद्देश्य से राज्य का प्रथम पुरुष स्वयं सहायता का गठन किया गया। एक नयी पहल की शुरूआत के तहत नैनीताल जिले की नगर पंचायत लालकुआं ने राज्य का पहला पुरुष के स्वयं सहायता समूह “गुलमोहर” का गठन किया गया जिसमें कुल 10 सदस्यों को रखा गया है। घर-घर से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के सुचारू संचालन के लिए इनको नगर पंचायत द्वारा दो टिप्पर वाहन एवं संकरी गलियों से कचरा संग्रहण हेतु एक रिक्शा उपलब्ध करवाया है। वाहन की संचालन के साथ वाहन में छोटी मरम्मत एवं ईंधन का व्यय वहन की जिम्मेदारी इस समूह को दी गई है। वाहन में बड़े मरम्मत की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है। इस पहल को जून 2024 में शुरू की गयी।

नगर पंचायत लालकुआं द्वारा गुलमोहर समूह को घर-घर से एकत्रित कचरे के निस्तारण के लिए मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी, प्लास्टिक काम्पेक्टर, प्लास्टिक श्रेडर तथा कम्पोस्ट तैयार करने हेतु पिट उपलब्ध करवाया गया जबकि कई निकायों में कम्पनी के माध्यम से यह कार्य संचालित कर व्यय वहन निकाय द्वारा किया जाता है। समूह की आय 07 वार्डों और 03 अन्य कॉलोनियों के 1035 घरों से डोर-टू-डोर अपशिष्ट संग्रह से एकत्र किए गए उपयोगकर्ता शुल्क के 75 प्रतिशत एवं मैटीरियल रिकवरी सेन्टर से अपशिष्ट सामग्री की बिक्री से उत्पन्न होती है। प्रत्येक सदस्य की मासिक आय रुपये 15000 – 16000 है उपयोगकर्ता शुल्क के शेष 25 प्रतिशत धनराशि महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को संग्रह उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाता है।

इस मॉडल से नगर व्यवस्था में परिवर्तन, सुधार एवं उपलब्धि

पूर्ण जिम्मेदारी एवं नियमित रूप से घर-घर से कचरा संग्रहण फलस्वरूप सड़कों एवं अन्य स्थानों में कचरा फेकने की प्रवृत्ति में कमी। उपयोगकर्ता शुल्क में वृद्धि हुयी है तथा मैटीरियल रिकवरी सेन्टर में अधिक से अधिक कचरा का संग्रहण तथा जिम्मेदारी के साथ कचरा की छटनी के कारण, कचरा रिसाइकिल हेतु व्यय में वृद्धि तथा कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। नगर पंचायत का घर-घर से कचरा संग्रहण एवं मैटीरियल रिकवरी सेन्टर के संचालन में होने वाले व्यय शुन्य हुआ। यह पहल न केवल शहरी स्थानीय निकाय को वित्तीय बोझ के बिना प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थायी आय सृजन के माध्यम से समुदाय में पुरुषों और महिलाओं दोनों को सशक्त बनाती है। यह स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना के साथ आजीविका, स्व-आय सृजन के लिए एक सफल मॉडल के रूप में कार्य करता है।

पुरुष स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित सामग्री वसूली केंद्र नगर पंचायत द्वारा कचरे के कुशल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पहल न केवल परिचालन लागत को कम करने में मदद करती है बल्कि अपशिष्ट पदार्थों की बिक्री के माध्यम से राजस्व भी उत्पन्न करती है। लालकुआं में पुरुषों का स्व-सहायता समूह स्व-रोजगार और जमीनी स्तर पर अपशिष्ट -से-धन पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है। यह एक सफल स्वरोजगार वेस्ट-टू-वेल्थ एवं टिकाऊ सर्कुलर एकोनॉमी मॉडल है जो सभी निकायों के लिए अनुकरणीय है।

क्या कहते है अधिशासी अधिकारी

अधिशासी अधिकारी राहुल कुमार सिंह ने बताया कि नगर पंचायत लालकुआं में राज्य का प्रथम पुरुष स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया हैं । यह समूह डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से लेकर उसका निस्तारण भी करना हैं । समूह को ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन का पूर्ण स्वामित्व दिया गया हैं जिससे कार्य की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार हुआ हैं ।

क्या कहते है अपर निदेशक शहरी विकास विभाग

अपर निदेशक शहरी विकास विभाग डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में यह एक अभिनव प्रयोग हैं । इसकी सफलता के आधार पर अन्य जगहों पर भी इस तरह के प्रयोग किये जाने की योजना है। इससे नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन का कार्य अच्छे से हो सकेंगे और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा।

Related Posts