उत्तराखंड STF की बड़ी कार्रवाई : फर्जी लोन ऐप घोटाले का मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार, 750 करोड़ से अधिक के लेन-देन का खुलासा, चीनी कनेक्शन से हड़कंप

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  • दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर LOC (Look Out Circular) के तहत बड़ी गिरफ्तारी  इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड केस में गिरोह का मास्टरमाइंड आरोपी अभिषेक अग्रवाल दिल्ली एयरपोर्ट से, गिरफ्तार।
  • अभियुक्त जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है के द्वारा करीब 35-40 शेल कंपनियाँ बनाई गईं जिनमें से 13 कंपनियाँ उसके स्वयं के नाम पर और 28 कंपनियाँ अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड करवायी गईं । जिनमें कई कंपनियों में सह-निर्देशक चीनी नागरिक हैं ।
  • कंपनियों के नाम पर खातों में लगभग 750 करोड़ से अधिक की संदिग्ध धनराशि के ट्रांसक्शन प्रकाश में जिनका विवेचना में अध्ययन किया जायेगा
  • Hector Lendkaro Pvt. Ltd. के माध्यम से फर्जी लोन ऐप्स चलाने वाले मास्टरमाइंड अंकुर ढींगरा  को पूर्व में गुड़गांव से किया गया था गिरफ्तार । अभियुक्त द्वारा वर्ष 2019-20 में चीनी नागरिकों को भारत लाकर इस गिरोह की शुरुआत की गई थी और वह खुद 2019 में शंघाई और शेन्ज़ेन गया था।
  • कंपनी की आड़ में 15 से अधिक फर्जी लोन एप्स (जैसे: Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, RupeeGo, Lendkar, आदि) के माध्यम से करोड़ो की अवैध वसूली कर आम जनता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।
  • संगठित साइबर गिरोह द्वारा पीड़ितो को नकली लोन ऐप्स के माध्यम से त्वरित लोन का लालच देकर मोबाइल एक्सेस प्राप्त किया जाता था।
  • पीडितो के मोबाईल का गैलरी, कॉन्टैक्ट्स व निजी डेटा चुराकर ब्लैकमेलिंग व धमकी देकर करोडो की गई ठगी ,कई धाराओं में वांछित, कई राज्यों में केस लंबित IGI एयरपोर्ट में LOC पर गिरफ्तार ।
  • अभियुक्त से 01 मोबाइल फोन , 01 पासपोर्ट , थाईलैंड व भारतीय करेंसी, पावर  बैंक, डिजिटल कट,  व  अंगूठियां ,एप्पल वॉच बरामद ।
  • इसी अभियोग में गुडगाँव निवासी को 2023 में गिरफ्तार एवं औरंगाबाद महाराष्ट्र में STF/साइबर की टीम ने कॉल सेंटर पर रेड डाली थी एवं सिंबॉक्स बरामद
देहरादून : उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के नेतृत्व और ADG लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरुगेशन तथा IG लॉ एंड ऑर्डर डॉ. नीलेश आनंद भरणे के दिशा-निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत, STF उत्तराखंड ने फर्जी लोन ऐप्स के माध्यम से देशभर में साइबर धोखाधड़ी कर 750 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड दीपम सेठ के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है । अभियोग की समीक्षा ADG लॉ और आर्डर डॉ. वी मुरुगेशन एवं दिशा निर्देश आईजी लॉ और आर्डर डॉ. नीलेश आनंद भरने द्वारा समय समय पर दिए जाते हैं|
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जिसमे प्रदेश व भारत के आम जनता के साथ हो रही धोखाधड़ी जो संगठित तौर पर आपराधिक आशय के साथ राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न फर्जी लोन ऐप्स के माध्यम से भारत के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी / उत्पीड़न और जबरन मोटी धनराशि वसूलने के विरुद्ध दिसम्बर 2022 में दर्ज कराया गया जिसमें गिरोह द्वारा प्रदेश व भारत के नागरिकों के साथ पहले वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर फर्जी लोन ऐप्स जैसे Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, Rupee Trip आदि के ज़रिए पीड़ितो को कम दस्तावेज़ों में त्वरित लोन देने का लालच देकर ऐप इंस्टॉल करवाया जाता , जिससे उन्होंने पीड़ितो के मोबाइल डिवाइस का एक्सेस प्राप्त करके और उसकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स व अन्य निजी डेटा चुराकर अभियुक्त अत्यधिक ब्याज, पेनल्टी और जुर्माने की मांग करते हुए धमकी भरे मैसेज भेजे, व्हाट्सएप कॉल करके और पीड़ित की तस्वीरें एडिट कर वायरल करने की धमकी देते थे, जिससे शिकायतकर्ता मानसिक रूप से प्रताड़ित और सामाजिक बदनामी के डर से बार-बार पैसे देते थे। परन्तु स्वयं के साथ हो रही ब्लैकमेलिग और सामाजिक उत्पीड़न का अंदेशा नही हो पाया जिससे पीडितो द्वारा विभिन्न बैंक खातो में करोडो रुपये स्थानान्तरण किये गये ।
प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में  मामले का प्रवेक्षण  अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक साइबर अंकुश मिश्रा एवं विवेचना निरीक्षक साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन विकास भारद्वाज, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से मानसिक रूप से प्रताड़ित और सामाजिक बदनामी के डर से विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी । विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । 
पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर फर्जी लोन ऐप्स चलाने वाले मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल थाना अशोक विहार, ज़िला नॉर्थ वेस्ट दिल्ली को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की । साईबर टीम द्वारा विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत प्रकाश में आये अभियुक्त अभिषेक अग्रवाल पुत्र सतीश अग्रवाल की तलाश की चूकि अभियुक्त विदेश में होने के कारण अभियुक्त के खिलाफ  पूर्व में LOC (Look Out Circular) जारी किया गया था और इसी क्रम में आरोपी अभिषेक अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया व साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा न्यायालय में उपस्थित कराकर अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही विधिक प्रावधानों के तहत की गई  ।

अपराध का तरीका

व्हाटसप व सोशल मीडिया के माध्यम से पीडितो को संगठित तरीके से फर्जी लोन ऐप्स जैसे Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, Rupee Trip आदि के ज़रिए पीड़ित को कम दस्तावेज़ों में त्वरित लोन देने का लालच देकर ऐप इंस्टॉल करवाया जाता था । जिससे उन्होंने पीड़ितो के मोबाइल डिवाइस का एक्सेस प्राप्त करके और उसकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स व अन्य निजी डेटा चुराकर अभियुक्त अत्यधिक ब्याज, पेनल्टी और जुर्माने की मांग करते हुए धमकी भरे मैसेज भेजे, व्हाट्सएप कॉल करके और पीड़ितो की तस्वीरें एडिट कर वायरल करने की धमकी देते थे, जिससे शिकायतकर्ता मानसिक रूप से प्रताड़ित और सामाजिक बदनामी के डर से बार-बार पैसे देते रहते थे। परन्तु स्वयं के साथ हो रही ब्लैकमेलिग और सामाजिक उत्पीड़न के जरिए लोगो द्वारा धनराशी विभिन्न खातों में स्थानान्तरण किये और अपने साथ हो रही ब्लैकमेलिग और सामाजिक उत्पीड़न का अंदेशा नही हो पाया । अभियुक्त द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न चीनी बैंक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को चीनी आधारित अन्य बैंक खातों में स्थानान्तरण कर दिया जाता था ।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बड़ा खुलासा किया की वह चीनी नागरिकों का गिरोह के संपर्क में था और उसने चीनी मास्टरमाइंडों के लिए फर्जी शेल कंपनियां बनाईं, जिन पर बैंक खाते खोले गए। अभियुक्त जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है के द्वारा करीब 35-40 शेल कंपनियाँ बनाई गईं जिनमें से 13 कंपनियाँ उसके स्वयं के नाम पर और 28 कंपनियाँ उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड पाई गईं । जिनमें कई कंपनियों में सह-निर्देशक चीनी नागरिक हैं।अभियुक्त द्वारा सभी कंपनियाँ चीनी गिरोह के लिए बनाई गईं, जिनके माध्यम से लगभग ₹750+  करोड़ लगभग 750 करोड़ से अधिक की संदिग्ध धनराशि के ट्रांसक्शन प्रकाश में जिनका विवेचना में अध्ययन किया जायेगा और आगे का विश्लेषण किया जाएगा 
अभियुक्त पूर्व में कई बार विदेशी यात्रा कर चुका है। चीन, हांगकांग आदि देशों से संचालित फर्जी लोन एप्स के माध्यम से भारतीय नागरिकों को टारगेट किया जाता था और करोडों रूपयों का लेन-देन किया जाता था। जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्तगण के विरुद्ध देश के कई राज्यों में शिकायतें दर्ज हैं । अभियुक्त द्वारा कुछ चीनी नागरिकों की जानकारी दी गई है। जिसके सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है व भारत सरकार और इंटरपोल के माध्यम से पत्राचार किया जा रहा है।

अभियुक्त द्वारा साझा की गई चीनी नागरिकों के नाम

  • Difan Wang (उर्फ @Scott Wang)
  • Zhenbo He (उर्फ @Leo)
  • Miao Zhang (उर्फ @Cicero)
  • Yongguang Kuang (उर्फ @Bolt)
  • Wenxue Li (उर्फ @Force)

अभियुक्त व्यक्ति का नाम व पता

  • अभिषेक अग्रवाल  थाना अशोक विहार, ज़िला नॉर्थ वेस्ट दिल्ली

पुलिस टीम

  • निरीक्षक विकास भारद्वाज
  • उप निरीक्षक राजीव सेमवाल
  • अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार
  • कानि शादाब अली
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें ।  
ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं।  कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करेंव शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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