नगर निगम कोटद्वार ने रचा इतिहास, स्वच्छता सर्वेक्षण में लहराया परचम, मिला “अटल निर्मल नगर” पुरस्कार, तत्कालीन नगर आयुक्त पीसीएस वैभव गुप्ता की दूरदृष्टि और परिश्रम का फल!
कोटद्वार। उत्तराखंड के कोटद्वार शहर के लिए यह गौरव का पल है! अथक प्रयासों, मजबूत नेतृत्व और जनभागीदारी के दम पर नगर निगम कोटद्वार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाते हुए प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर ‘अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2025’ हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि तत्कालीन नगर आयुक्त पी.सी.एस. वैभव गुप्ता के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी टीम व शहरवासियों की मेहनत का सीधा परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगर निकायों को प्रदान किए गए ‘अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2025’ समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं विजेता नगर निगमों को सम्मानित किया। इस प्रतिष्ठित सम्मान समारोह में, रुद्रपुर नगर निगम को प्रथम और पिथौरागढ़ नगर निगम को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया। कोटद्वार ने तीसरा स्थान प्राप्त कर अपनी स्वच्छता यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।
वैभव गुप्ता : वह नाम जिसने कोटद्वार को दिलाई पहचान
जी हां, हम बात कर रहे हैं तत्कालीन नगर आयुक्त पीसीएस वैभव गुप्ता की। उनकी दूरदर्शिता, कुशल नेतृत्व और जमीनी कार्यशैली ही इस ऐतिहासिक सफलता की नींव बनी। मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं उनकी कार्यशैली को “पारदर्शिता” से सराहा और उनके प्रयासों को “अटल निर्मल नगर” सम्मान के रूप में मान्यता दी। यह सम्मान केवल नगर निगम का नहीं, बल्कि वैभव गुप्ता की मेहनत, दूरदर्शिता और जमीनी काम का सीधा परिणाम है।
कोटद्वार के लिए एक नया सवेरा
यह पुरस्कार केवल एक ट्रॉफी या प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह कोटद्वार के हर उस नागरिक, हर उस सफाई कर्मचारी और हर उस अधिकारी के समर्पण का प्रतीक है, जिसने अपने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सपना देखा और उसे साकार करने में सहयोग दिया। यह उपलब्धि कोटद्वार को स्वच्छता के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है और अन्य शहरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनती है। यह दर्शाता है कि सही नेतृत्व, सामूहिक प्रयास और सतत निगरानी से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
एक विज़न जिसने बदली शहर की तस्वीर
पीसीएस वैभव गुप्ता ने स्वच्छता को केवल सरकारी योजना तक सीमित नहीं रहने दिया, बल्कि इसे नागरिकों की आदत और जिम्मेदारी बनाने का काम किया। उनके कार्यकाल में शहर की सफाई व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया, कचरा निस्तारण की नई प्रणाली लागू हुई, कम्पोस्टिंग यूनिट और प्लास्टिक बैंक जैसी अभिनव पहलें शुरू की गईं। उन्होंने पहली बार पर्यावरण मित्रों के लिए हेल्थ कैंप आयोजित कराया, जिससे सफाई कर्मियों का मनोबल बढ़ा और उन्हें समाज में सम्मान का एहसास हुआ। उनकी अगुवाई में कोटद्वार में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए:
- व्यवस्थित सफाई व्यवस्था : शहर की सफाई व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया और कचरा निस्तारण की नई प्रणालियाँ लागू की गईं।
- नवाचारी पहलें : कंपोस्टिंग यूनिट और प्लास्टिक बैंक जैसी कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की गईं, जिन्होंने कचरा प्रबंधन को एक नई दिशा दी।
- पर्यावरण मित्रों का सम्मान : एक असाधारण कदम उठाते हुए, उन्होंने पहली बार पर्यावरण मित्रों (सफाई कर्मचारियों) के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए। इससे उनका मनोबल बढ़ा और उन्हें समाज में सम्मान का अहसास हुआ, जिसके लिए पर्यावरण मित्रों ने वैभव गुप्ता का हृदय से आभार व्यक्त किया था।
- बच्चों की भागीदारी : PCS वैभव गुप्ता ने शहर के बच्चों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया। विद्यालयों में प्रतियोगिताएं कराई गईं, जिससे बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता दोनों को बढ़ावा मिला। उन्होंने शहर के पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया और मालवीय उद्यान में शहीदों के नाम स्मृति पट्टिका लगाकर प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने स्वच्छता अभियान में बच्चों को भी सक्रिय रूप से जोड़ा। शैक्षणिक संस्थानों में प्रतियोगिताएं आयोजित कर उन्हें सफाई के प्रति जागरूक किया गया और उनकी रचनात्मकता को सराहा गया, जिससे आने वाली पीढ़ी भी इस संदेश को आगे बढ़ा सके।
- शहर का सौंदर्यीकरण : शहर के पार्कों का सौंदर्यीकरण किया गया, और मालवीय उद्यान में शहीदों के नाम से स्मृति पट्टिकाएँ लगाकर प्रेरणा का संचार किया गया।
राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी छलांग, राज्य में 09 वां स्थान
स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछली रैंकिंग की तुलना में इस बार कोटद्वार नगर निगम ने अपनी स्वच्छता व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। 73 पायदान ऊपर आकर कोटद्वार ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में किए गए प्रयास और जनभागीदारी से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसके साथ ही, पूरे उत्तराखंड राज्य के 102 नगर निकायों में 09 वां स्थान प्राप्त करना कोटद्वार नगर निगम की असाधारण उपलब्धि को दर्शाता है, जो भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा देगा।
शहर को स्वच्छ बनाने में पीसीएस वैभव गुप्ता की कड़ी मेहनत रंग लाई हैं । नगर निगम कोटद्वार ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पीसीएस अधिकारी एवं नगर आयुक्त वैभव गुप्ता की दूरदर्शिता और मेहनत से शहर की सूरत ही बदल गई है। वर्षों से जमा 31 हजार मीट्रिक टन कूड़े को हटाकर जहां शहर को साफ-सुथरा बनाया गया, वहीं उसी कचरे से एक शानदार ‘वेस्ट टू आर्ट पार्क’ भी तैयार किया गया है।
कूड़ा प्रबंधन, न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसके अवैज्ञानिक प्रबंधन के कारण हर शहर में कूड़े के डंप साइट, मानव निर्मित पहाड़ों में तब्दील हो गए हैं, जिससे हमारे शहर प्रदूषित हो रहे हैं। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य और शहर की सुंदरता पर भी पड़ रहा है। इसी गंभीर समस्या को देखते हुए, भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य अपने गांव, शहर और देश को कचरा-मुक्त करना है। इसमें पुराने कूड़े के डंपसाइट्स के साथ-साथ प्रतिदिन उत्पादित कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाना शामिल है।
कोटद्वार की चुनौती और समाधान
कोटद्वार में भी मुक्तिधाम के पास गाडीघाट में ऐसा ही एक विशाल डंपसाइट था, जहाँ हजारों टन कूड़ा पड़ा था। भूमि की अनुपलब्धता के कारण, प्रतिदिन का कूड़ा भी डंपसाइट के बाहर मुक्तिधाम के गेट के पास जमा हो रहा था। इससे आसपास के लोगों को और अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों को गंदगी एवं बदबू से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस कूड़े की समस्या को गंभीरता से लेते हुए, तत्कालीन नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार पीसीएस गुप्ता ने आईआईटी के पर्यावरण इंजीनियरों एवं विशेषज्ञों की मदद से कोटद्वार को कचरा मुक्त करने की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की और उस पर अमल किया।
पीसीएस वैभव गुप्ता का नेतृत्व और नगर निगम की दूरदर्शी योजना
इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय मुख्य रूप से तत्कालीन नगर आयुक्त PCS वैभव गुप्ता की दूरदर्शिता, समर्पण और कुशल नेतृत्व को जाता है। उन्होंने पदभार संभालने के बाद से ही शहर की स्वच्छता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया। PCS वैभव गुप्ता के मार्गदर्शन में नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह प्रणाली को मजबूत करने, सार्वजनिक शौचालयों के रखरखाव और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता अभियानों में विशेष जोर दिया।
गुप्ता ने न केवल नीतियों और योजनाओं को कागज़ पर सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारने के लिए निरंतर निगरानी और फीडबैक तंत्र स्थापित किया। नियमित निरीक्षण, कर्मचारियों के साथ सीधा संवाद और जनता से प्राप्त सुझावों पर अमल करते हुए उन्होंने खामियों को दूर किया और स्वच्छता व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाया। उनकी इस सक्रिय भूमिका ने कोटद्वार को स्वच्छता के मार्ग पर अग्रसर किया।
कूड़े की गंभीर समस्या को स्थायी रूप से खत्म करने का बीड़ा पीसीएस वैभव गुप्ता ने उठाया, जिन्होंने नगर निगम टीम के साथ मिलकर एक व्यापक और दूरदर्शी योजना तैयार की। उनका लक्ष्य सिर्फ कूड़ा हटाना नहीं, बल्कि उसे रचनात्मक तरीके से पुनर्चक्रित कर शहर के लिए एक स्थायी और उपयोगी संपत्ति बनाना था। नगर निगम ने इस दिशा में अत्याधुनिक मशीनों और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर ‘बायो-रेमेडिएशन’ प्रक्रिया अपनाई, जो कूड़े के ढेर को जैविक रूप से उपचारित कर उसे मिट्टी में बदल देती है। वैभव गुप्ता की नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम हैं कि वर्षों से जमा 31 हजार मीट्रिक टन कूड़े को हटाकर जहां शहर को साफ-सुथरा बनाया गया। पीसीएस वैभव गुप्ता ने न केवल अभियान की निगरानी की, बल्कि हर स्तर पर व्यक्तिगत रुचि लेते हुए योजना को मूर्त रूप दिया।
31 हजार मीट्रिक टन कूड़े का सफल निस्तारण
अथक प्रयासों और दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद, पिछले कई वर्षों से जमा लगभग 31 हजार मीट्रिक टन कूड़े को सफलतापूर्वक निष्कासित किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में कूड़े को अलग-अलग करके, उसमें से उपयोगी तत्वों को निकालकर, और शेष को वैज्ञानिक विधि से निस्तारित किया गया। यह एक बड़ी चुनौती थी जिसे सुनियोजित और चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़े बिना कार्य पूरा हुआ।
वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन की पहल
कार्ययोजना के प्रथम चरण में कूड़े के प्रसंस्करण हेतु ट्रॉमेल मशीन स्थापित की गई। डंप साइट के कुछ हिस्सों पर पुराने कूड़े का निस्तारण कर सूखे कूड़े की छंटनी के लिए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) का निर्माण किया गया। इस एमआरएफ प्लांट में सॉर्टिंग कन्वेयर, फटका, कॉम्पेक्टर और श्रेडर मशीनें लगाई गईं। एमआरएफ प्लांट के संचालन के लिए स्थानीय वेस्ट पिकर्स को पंजीकृत कर उन्हें पीपीई किट के साथ कार्य पर लगाया गया है। नगर निगम द्वारा प्रतिदिन लगभग 50 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण एमआरएफ एवं विंडरोव्स कंपोस्टिंग तकनीक से किया जा रहा है। सूखे कूड़े की बिक्री से निगम को प्रतिमाह 1.0 लाख रुपये की आय भी प्राप्त हो रही है।
भूमि का कायाकल्प और ‘वेस्ट टू आर्ट’ पार्क
नगर निगम द्वारा लगभग 1.0 हेक्टेयर भूमि पर स्थित डंप साइट से कुल 31449 मीट्रिक टन पुराने कूड़े का निपटान किया गया है (प्रथम चरण में लगभग 26350 मीट्रिक टन और द्वितीय चरण में 5099 मीट्रिक टन)। इस reclaimed भूमि में से 0.9 हेक्टेयर पर विंडरोव्स कंपोस्टिंग एवं एमआरएफ प्लांट बनाया गया है, जबकि 0.1 हेक्टेयर भूमि को ‘वेस्ट टू आर्ट प्रदर्शनी पार्क’ में बदल दिया गया है। यह पार्क ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बनाया गया है, जहाँ कूड़े के प्रकार, वेस्ट कलेक्शन व्हीकल, प्लास्टिक के प्रकार, कंपोस्टिंग मॉडल, इको बेंच, इको घड़ी, कंपोस्टिंग पिट मॉडल एवं ट्रॉमेल मशीन मॉडल जैसे विभिन्न मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।
डोर-टू-डोर कलेक्शन और निगरानी
शहर में कूड़ा संग्रह प्रणाली को भी मजबूती दी गई है। 2023 में नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए वाहनों की संख्या 14 से बढाकर 34 कर दी गई है, जिससे अधिक से अधिक घरों तक यह सुविधा पहुंच रही है। सितंबर 2023 से नगर निगम कोटद्वार में एक स्वच्छता कंट्रोल रूम भी संचालित किया जा रहा है, जहाँ कॉल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से स्वच्छता एवं स्ट्रीट लाइट से संबंधित शिकायतें दर्ज कर उनका निस्तारण किया जाता है। इसके साथ ही, कंट्रोल रूम से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन वाहनों की जीपीएस के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है। निगम द्वारा 25 जगहों पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा कचरा संवेदनशील बिंदुओं (GVP) की निगरानी भी की जा रही है।
RRR सेंटर और जन जागरूकता अभियान
मालवीय उद्यान में एक ‘आरआरआर (रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल) सेंटर’ भी बनाया गया है, जहाँ लोग अपनी उपयोगी वस्तुओं का मुफ्त में आदान-प्रदान कर सकते हैं। इस आर आर आर सेंटर के निर्माण में 1500 प्लास्टिक बोतलों के साथ 1.0 लाख से अधिक प्लास्टिक रैपर्स का उपयोग किया गया है, जो ‘वेस्ट टू वेल्थ’ का एक बेहतरीन उदाहरण है।
नगर निगम द्वारा जन जागरूकता बढ़ाने के लिए भी निरंतर प्रयास किए गये। विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, और अक्टूबर माह में ‘बेस्ट फ्रॉम वेस्ट’ तथा स्वच्छता स्लोगन प्रतियोगिता का भी सफल आयोजन किया गया, जिनमें नागरिकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
पीसीएस वैभव गुप्ता की मेहनत से कोटद्वार नगर निगम का यह प्रयास निश्चित रूप से अन्य शहरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो यह दर्शाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसी भी बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है और एक स्वच्छ एवं सुंदर शहर का निर्माण किया जा सकता है।
पीसीएस वैभव गुप्ता के कार्यकाल में नगर निगम कोटद्वार की प्रमुख उपलब्धियां
- वर्ष 2024 में 30065 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का निस्तारण कर वेस्ट टू आर्ट स्थल के रूप में विकसित किया गया।
- वेस्ट टू वन्डर पार्क का विकास।
- आर०आर०आर० सेन्टर स्थापित कर सफलतापूर्वक संचालित करना।
- कस्ट्रकशन एंड डेमोलेशन स्थल का निर्माण।
- प्रतिदिन एकत्रित नगरीस ठोसअपशिष्ट का एमआरएफ के निरंतर संचालन द्वारा वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण करना।
- नगरीय ठोस अपशिष्ट से सम्बंधित शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण।
- नगरीय ठोस अपशिष्ट कलेक्शन हेतु पार्टिशन युक्त वाहनों की संख्या में वृद्धि करते हुए कवरेज में तेजी लाना ।
- ओडीएफ + स्टेटस प्राप्त करने हेतु सार्वजनिक शौचालयों की संख्या में वृद्धि करना। लिक्विड वेस्ट के निस्तारण हेतु डिस्लजिंग वाहनों का पंजीकरण तथा उपविधि को कठोरता से लागू करना। कैमरों के माध्यम से निगरानी कंट्रोल रूम स्थापित करना।
- जनजागरूकता हेतु भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देशित विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ करना।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदान टूलकिट एंव दिशानिर्देशों पर नियोजित ढंग से रणनीति बनाकर टीम वर्क के माध्यम से कार्य करना।
- नाईट स्वीपिंग प्रारंभ करना।
- विभिन्न सार्वजनिक स्थलों का सौन्दर्यकरण कार्य। नगर निगम कोटद्वार का लक्ष्य आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में कोटद्वार नगरवासियों तथा सभी वर्गों का विशेष सहयोग प्राप्त कर वाटर प्लस एवं गार्बेज फी सिटी का स्टेटस प्राप्त कर स्वच्छ शहर की संकल्पना को साकार करना है।