विश्व बाघ दिवस : जानें राष्ट्रीय पशु बाघ के बारे में रोचक तथ्य

by janchetnajagran
@नरेन्द्र सिंह चौधरी, आईएफएस
देहरादून : आइये, हम अपने राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिए वह करें, जो हम कर सकतें हैं, क्योंकि यह न केवल हमारा नैतिक कर्तव्य है बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है!
  • बाघ बिल्ली परिवार का एक सदस्य है।
  • ऐतिहासिक रूप से, बाघ एशिया में व्यापक रूप से पाए जाते थे, लेकिन अब इनकी उपस्थिति 13 देशों तक ही सीमित रह गई है, अर्थात् बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया (स्थानीय रूप से विलुप्त), चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर (स्थानीय रूप से विलुप्त), मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम (स्थानीय रूप से विलुप्त)
  • बाघ का लैटिन नाम _Panthera tigris tigris_ है. Panthera एक ग्रीक शब्द है, जिसका अर्थ है – शिकारी (Hunter)। Tigris प्राचीन पारसी शब्द है, जिसका अर्थ है – तेज (fast) या तीर की तरह arrow-like.
  • बाघों की छह उप-प्रजातियां हैं:
  1. साइबेरियाई बाघ _Panthera tigris altaica_
  2. साउथ चाइना बाघ _Panthera tigris amoyensis_
  3. इंडोचाइनीज टाइगर _Panthera tigris corbetti_
  4. मलायण बाघ _Panthera tigris jacksoni_
  5. सुमात्रा टाइगर _Panthera tigris sumatrae_
  6. बंगाल टाइगर _Panthera tigris tigris_
  • बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु (National Animal) है। भारतीय वन्य जीव प्राधिकरण द्वारा 1972 में बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। पहले भारत का राष्ट्रीय पशु शेर (Lion) था।
     
  •  भारत के अलावा बाघ बांग्लादेश, मलेशिया, और दक्षिणी कोरिया का भी राष्ट्रीय पशु है।
     
  •  भारत में बाघ के आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध है, तथा इसके किसी भी अंग का व्यापार निषेध है।
  • बाघों की रक्षा के लिए भारत में 1 अप्रैल 1973 से ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ (Project Tiger) प्रारंभ किया गया है।
  • बाघों के समूह को “streak” या “ambush” कहते हैं।
  • साइबेरियन टाइगर (Siberian Tiger) सबसे बड़ा बाघ है।
  • Sumantran Tiger सबसे छोटा बाघ है। नर सुमात्रा बाघ का वजन लगभग 120 किलोग्राम होता है।
  • बाघ एक मांसाहारी जानवर है. यह सिर्फ मांस खाता है। इसका पसंदीदा भोजन जंगली भैंस, सूअर, सांभर, नीलगाय और हिरण हैं।
  • बाघ अपने शरीर के वजन का लगभग 1/5 भाग अपने एक बार के खाने में खा सकता है – लगभग 88 पौण्ड (40 किलोग्राम). एक साल में एक व्यस्क बाघ 8000 पौण्ड मांस खा सकता है।
  • सबसे बड़े मांसाहारी जानवरों में बाघ तीसरे स्थान पर आता है। सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर ध्रुवीय भालू (Polar Bear) और दूसरा भूरा भालू (Brown Bear) हैं।
  • जंगल में रहने वाला बाघ 12-14 वर्ष तक और चिड़ियाघर में रहने वाला बाघ इसके दुगुने वर्ष तक जीवित रह सकता है।
  • बाघ का वजन 363 किलो तक और लंबाई 13 फ़ीट तक हो सकती है।
  • बाघ के दिमाग का वजन 300 ग्राम होता है। मांसाहारी जानवरों में सबसे बड़ा दिमाग पोलर बियर (Polar Bear) का होता है। इसके बाद सबसे बड़ा दिमाग बाघ का ही होता है।
  • टाइगर के कान के पीछे सफ़ेद रंग के गोल धब्बे होते हैं, इन्हें ‘ocelli’ कहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये धब्बे बाघ के बच्चों को घने जंगलों में उनकी माता का अनुसरण करने में मदद करते हैं।
  • बाघ एक निशाचर प्राणी है। रात या अंधेरे में इसके देखने की क्षमता हमारी तुलना में 6 गुनी होती है।
  • बाघ में १८ hertz तक की आवाज़ उत्पन्न करने की क्षमता होती है। इसकी तेज दहाड़ 3 किलोमीटर की दूरी तक सुनाई पड़ती है।
  • बाघ सामान्यतः दूसरे जानवरों को देखकर नहीं दहाड़ता। यह दूर कहीं अपने साथी बाघों से संवाद करने के लिए दहाड़ता है।
  • बाघ के शरीर पर 100 से भी ज्यादा धारियाँ होती हैं।
  • बाघ के शरीर पर पाई जाने वाली धारियाँ उसके फ़र के साथ-साथ उसकी चमड़ी पर भी होती है।
  • बाघ की धारियों की ख़ासियत ये है कि ये इंसानों के फिंगरप्रिंट (Fingerprint) की तरह यूनीक (Unique) होती है। दो बाघों की धारियाँ एक जैसी नहीं होती हैं।
  • बाघ के माथे की धारियाँ एक चाइनीज़ अक्षर की तरह दिखाई पड़ती है, जिसका अर्थ होता है – ‘King’ या ‘राजा’।
  • साइबेरियन टाइगर के शरीर पर भारतीय टाइगर की तुलना में कम धारियाँ होती हैं और ये धारियाँ काले रंग की न होकर भूरे रंग की होती हैं।
  • South China Tiger के शरीर पर सबसे कम धारियाँ होती हैं। Sumatran Tiger के शरीर पर सबसे ज्यादा धारियाँ होती हैं।
  • साइबेरियन टाइगर के शरीर पर लगभग 3000 बाल प्रति वर्ग सेंटीमीटर होते हैं।
  • बाघ के दौड़ने की रफ़्तार 65 किलो मीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
  • बिल्लियों के विपरीत बाघ एक अच्छा तैराक होता है। पानी में बिना रुके यह 6 किलीमीटर तक तैर सकता है।
  • बाघ की लम्बाई नाक से पूँछ तक नापी जाती है।
  • बाघ की पूंछ उसके शरीर की लंबाई की 1/3 होती है। यह उसे दौड़ते समय संतुलन बनाये रखने में सहायता करती है।
  • पूर्ण व्यस्क बाघ 8 मीटर तक की लंबी छलांग मार सकता है और 5 मीटर ऊँचा कूद सकता है।
  • बाघ के पिछले पैर इसके आगे के पैरों की तुलना में अधिक लंबे होते है। इससे इसे दौड़ने, कूदने और झपटने में सुगमता होती है। इसी कारण ही बाघ लंबी दूरी तक छलांग लगा सकता है।
  • बाघों की आँखों का रंग पीला होता है। लेकिन सफ़ेद बाघों की आँखे नीली होती हैं।
  • बाघ के पैर गद्देदार होते हैं। इससे इसे घात लगाकर चुपचाप शिकार तक पहुँचने में आसानी होती है।
  • बाघ के नाखून 4.7 इंच (12 सेंटीमीटर) तक की लंबाई तक बढ़ सकते हैं।
  • बाघ के ऊपर के दांत 10 सेंटीमीटर की लंबाई के होते है, जो मानव की उंगलियों के बराबर होते हैं।
  • बाघ के जबड़े और दांत इतने मजबूत होते हैं कि यह अपने शिकार का गले की हड्डी एक झटके में तोड़ सकने में सक्षम है।
  • मानव 20-30 दिनों तक भूखा रह सकता है। लेकिन बाघ बिना खाए 2-3 सप्ताह तक ही जिंदा रह सकता है।
  • बाघ एक बहुत अच्छा शिकारी होता है। इसके बावजूद हर 20 शिकार में से एक को ही मारने में सफ़ल हो पाता है। जहाँ शिकार की कमी होती है, वहाँ बाघ को  भोजन के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ता है।
  • बाघ एक रणनीति के तहत शिकार करता है। अपने धारीदार शरीर के कारण वह झाड़ियों में एम्बुश लगाकर छिपा रहता है और शिकार के निकट पहुँचकर उस पर कूद पड़ता है। भारी-भरकम शरीर के कारण यह जल्दी थक जाता है। इसलिए यह कभी बहुत लंबी दूरी तक शिकार का पीछा नहीं करता।
  • बाघ कभी बिना आवश्यकता के शिकार नहीं करता।
  • बाघ शिकार करने पर वह तुरन्त उसे नहीं खाता बल्कि वह थोड़ा विश्राम करने के बाद ही उसे खाने के लिए लौटता है।
  • बाघ अपने शिकार को गले की हड्डी तोड़कर/ घोंटकर बड़ी निपुणता से  मारता है।
  • शेरों (Lions) के विपरीत शिकार खाने के लिए बाघ अकेले भोजन  करते हैं। केवल बच्चे अपनी माँ के साथ भोजन करतें हैं।
  • यद्यपि बाघ अपने शिकार को छुपा कर रखता है, तथापि गीदड़, भालू या पक्षिगण उसे खाने हेतु खोज ही लेते हैं। परिणामस्वरूप बाघ ओवरईटिंग कर लेटें हैं।
  • बाघ दिन के लगभग 16 घंटे सोने, विश्राम करने, नदी के पानी मे  शीतलता के लिए बैठने में व्यतीत करता है।
  • बाघों की स्मरण शक्ति गज़ब की होती है। इनकी याददाश्त मानव की तुलना में 30 गुना अधिक होती है।
  • बाघ की जीभ बहुत खुरदुरी कांटेदार होती है, जिससे ये अपने शिकार की चमड़ी से मांस छील लेते हैं।
  • Sucksion gland न होने के कारण बाघ नदी या तालाब का पानी सोककर गाय-भैंस की तरह नहीं पी पाते हैं। ये जीभ से लकपका पानी पीते हैं। ये गन्दा पानी नहीं पीते हैं।
  • बाघ के  एक पंजे के निशान को ‘pug mark’-कहते हैं.
  • बाघ की लार में एंटीसेप्टिक होता है। अपने घावों को किटाणुरहित करने के लिए ये उसे चाटते हैं।
  • बाघ का गर्भधारण काल लगभग 100 दिन का होता है। मादा बाघ एक प्रसव में 3 से 4 शावकों को जन्म देती है।
  • सफ़ेद बाघ के जन्म लेने की संभावना 10000 में से 1 होती है। भारत की रीवा रियासत के मोहन सफेद बाघ प्रसिद्ध है। पूरी दुनिया के सफेद बाघ उसीकी संतति हैं।
  • नर शेर और मादा बाघ के mating से जन्म होने वाले बच्चों को ‘Ligers’ कहा जाता है। नर बाघ और मादा शेर के mating से जन्में बच्चों को ‘Tigons’ कहा जाता है.
  • जन्म के बाद 7 दिन तक बाघ पूर्णतः अंधे होते है। आधे शावक व्यस्क होने के पहले ही मर जाते हैं। जन्म लेते ही बाघ का जीवन संघर्षमय होता है।
  • जन्म देने के बाद से 2 वर्ष तक शावकों की देखभाल केवल  उनकी बाघिन माँ करती है। उनके पिता का देखभाल में कोई योगदान नही होता।
  • शावक जन्म के 1 माह के अंदर ही आकार में चौगुना हो जाते हैं।
  • बिल्ली के DNA का 95.6 % भाग बाघ के DNA से मेल खाता है.
  • शेरों के विपरीत बाघ एकाकी रहता  है। बाघ शावकों के बड़े होने तक माँ उनके साथ रहती हैं। आप बाघों को अधिकांशतः अकेला घूमता हुआ ही पाएंगे।
  • बाघ की उपस्थिति का आभास 9 चिन्ह देखकर किया जा सकता है। इन्हें 9 Signs of Tiger कहते हैं, इनमें बाघ की दहाड़, उसके पग मार्क, उसकी टट्टी, उसकी बैठक का निशान, पेड़ो पर खरोंच, पेशाब की गन्ध, उसके द्वारा मारा गया प्राणी, प्रत्यक्ष दर्शन अथवा मृत बाघ।
  • बाघ पेड़ को खरोंचकर और अपने मूत्र से अपनी टेरिटरी का सीमांकन करते हैं।
  • 3 वर्ष की उम्र होने के बाद से बाघ mating करने लगता है। यह हर 2-3 वर्ष में जोड़ा बनाते देखा गया है।
  • भारत और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित सुंदरवन मैन्ग्रोव क्षेत्र का जंगल सबसे ज्यादा बाघ आक्रमण के लिए कुख्यात है। यहाँ लगभग 600 टाइगर रहते हैं, जो प्रति वर्ष लगभग 100 लोगों को मार डालते हैं।
  • पिछले 100 वर्षों में बाघों की संख्या का 95% विलुप्त हो गया है। वर्तमान में पूरे विश्व में मात्र 5000 बाघ रह गए हैं। 
  • विश्व के लगभग 75% बाघ भारत मे ही पाए जाते हैं।
  • 1900 के आसपास भारत के जंगलों में लगभग 40,000 बंगाल टाइगर पाए जाते थे।
  • बाघ का सबसे पहले पाया गया जीवाश्म 2 मिलियन वर्ष पुराना है।
  • प्राचीन चीनी धारणा के अनुसार बाघ के शरीर के अंगों में रोगों को ठीक करने की जादुई शक्ति होती है। बाघ की हड्डियाँ कमज़ोरी, मूंछें दांत के दर्द और पूंछ चर्मरोग को दूर करते हैं। ये प्राचीन अवधारणा भी चीन में बाघों के अवैध शिकार का एक बहुत बड़ा कारण है।
  • 100 वर्ष पूर्व में विश्व में 8 विभिन्न प्रजाति के बाघ पाए जाते थे। आज इनमें से भी 3 प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं और शेष इस धरती से लगभग समाप्त हो चुके हैं।
  • 1930 में चंपावती नामक बाघिन ने 400 से ज्यादा लोगों को मार डाला था। यह इतिहास की सबसे अधिक लोगों को मारने वाली नरभक्षी बाघिन थी।
  • 1960 तक 4000 से ज्यादा south china tiger चीन में रहते थे। आज ये घटकर जंगलों में 20 से भी कम और चिड़ियाघरों में 60 रह गये हैं। ये विलुप्ति के कगार पर हैं।
  • बाघ अपनी पूँछ का इस्तेमाल एक-दूसरे से संवाद करने में भी करते हैं। जब ये रिलैक्स होते हैं, तो अपनी पूंछ को ढीला छोड़ देते हैं. जब आक्रामक होते हैं, तो अपनी पूंछ को जल्दी-जल्दी एक ओर से दूसरी ओर घुमाते हैं।
  • काला बाज़ारी में एक व्यस्क बाघ या मरे हुए नर बाघ की कीमत 10,000 डॉलर तक हो सकती है!
  • भारत में बाघों की संख्या साल 2023 में 3167 हो गई है। पिछले चार सालों में भारत में बाघों की संख्या में 200 बाघ बढ़े है।
  • आइये, हम अपने राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिए वह करें, जो हम कर सकतें हैं, क्योंकि यह न केवल हमारा नैतिक कर्तव्य है बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है!_

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं.

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शुभ वैश्विक बाघ दिवस!!

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