बेटा-बेटी की संपत्ति में माता-पिता का भी हो अधिकार – युवा संसद

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गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के महाविद्यालय में शुक्रवार को युवा संसद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों ने  संसद की कार्यवाही संचालन का प्रदर्शन किया। युवा संसद के माध्यम से बेहतर संवाद, सहिष्णुता, नेतृत्व और निर्णय में सहभागिता को प्रोत्साहित करने का आहवान किया गया। युवा संसद में सांसदों ने बढ़ते एकल परिवारों के कारण अकेले पड़ते माता-पिता की समस्याओं को उजागर किया एवं बेटा-बेटी की संपत्ति में माता पिता को भी अधिकार दिलाने की मांग की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अभिभावक संघ की कोषाध्यक्ष एवम पूर्व जिला पंचायत सदस्य उषा रावत एवं प्राचार्य प्रो. केएस नेगी की ओर से किया गया। युवा संसद में शपथ, महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण और शोक प्रस्ताव की जरूरी औपचारिकताओं को प्रदर्शित किया गया। तत्पश्चात प्रश्न काल में पक्ष और प्रतिपक्ष में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और रेल पर गरमागरम बहस हुई। सांसदों के प्रश्नों का गरिमा पूर्ण ढंग से संबंधित मंत्रियों की ओर से उत्तर दिया गया। युवा संसद में काम रोको, अविश्वास, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और संसदीय कार्यमंत्री के वक्तव्य को रखा गया। युवा संसद में एक गैर सरकारी विधेयक प्रस्तुत  किया गया। यह वृद्ध माता-पिता को संतानों की संपत्ति में 30 फीसदी पर अधिकार देने की गारंटी करता है। सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष की ओर से इस प्रकार के विधेयक पर सहमति जताई गई। और विधेयक अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजा गया।

इस कार्यक्रम में  लोकसभा अध्यक्ष प्रियंका, प्रधानमंत्री विपिन और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भूमिका की ओर से निभाई गई। कार्यक्रम संयोजक डा. जेएस नेगी ने समस्त आगंतुकों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. स्वाति नेगी, डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. कनिका बड़वाल, डॉ. बीपी देवली, डॉ. एसएस रावत, डॉ. मनीष डंगवाल, डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉ. आरके यादव, डॉ. वंदना लोहनी, डॉ. ममता असवाल आदि मौजूद थे।

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